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हॉकी में 41 साल बाद ओलंपिक में जीता भारत, नायक बने पटनायक

Meet-Naveen-Patnayak
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नई दिल्ली -एक समय वो भी था जब पूरी दुनिया में भारत के हॉकी खिलाडियों का डंका बजता था। ओलम्पिक की बात करें तो भारत अब तक हॉकी में 12 पदक जीत चुका है जिनमे 8 स्वर्ण पदक, एक रजत और 3 कांस्य पदक शामिल हैं। भारत आखिरी बार 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। तब उसने फाइनल में स्पेन को 4-3 से हराया था। उसके बाद अब तक सूखा सा पड़ा रहा और आज 41 साल बाद भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीता। इन 41 सालों में सरकार ने भी हॉकी को अधिक महत्व नहीं दिया। क्रिकेट जैसे खेलों को बड़े-बड़े स्पांसर मिले लेकिन हॉकी पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज की जीत पर कुछ देर बाद देश में कई जगहों पर धन्यवाद मोदी जी के होर्डिंग्स लग सकते हैं लेकिन आज की जीत में अगर किसी की सबसे बड़ी भूमिका है तो वो उड़ीशा की सीएम नवीन पटनायक की है। 

नवीन पटनायक की सरकार ने जब 2018 में हॉकी इंडिया के साथ पुरुष और महिला दोनों राष्ट्रीय टीमों को प्रायोजित करने के लिए पांच साल का करार किया था तब आलोचक हैरान रह गए थे। उनका सवाल था कि बार-बार प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने वाला यह गरीब राज्य क्या इस खेल के लिए सरकारी खजाने पर 100 करोड़ रुपये का खर्च वहन कर पाएगा। नवीन पटनायक का बचपन से हॉकी से जुड़ाव था और आज उन्होंने 41 साल का सूखा समाप्त कर दिया कि कमजोर का साथ दिया जाए तो वो मजबूत बन सकता है। देश में तमाम अरबपति, खरबपति हैं लेकिन किसी ने हॉकी स्पांसर करने के लिए आगे कदम नहीं बढ़ाया। आज सोशल मीडिया पर #NaveenPatnaik ट्रेंड हो रहा है और उनकी जमकर तारीफ़ की जा रही है। 

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