डिप्टी सीएम, जिनके पास श्रम एवं रोजगार का प्रभार भी है, आज यहां ‘हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड’ के ‘सैंट्रल प्रोसेसिंग सिस्टम’ को लांच करने के बाद श्रम विभाग तथा बोर्ड के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार विभाग के राज्य मंत्री अनूप धानक भी उपस्थित थे।
दुष्यंत चौटाला, जो ‘हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड’ के चेयरमैन भी हैं, ने कहा कि इस ‘सैंट्रल प्रोसेसिंग सिस्टम’ से जहां कार्य में पारदर्शिता आएगी वहीं भ्रष्टाचार पर भी नकेल कसी जा सकेगी। उन्होंने नए सिस्टम को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां अपने पंजीकृत श्रमिकों को दी जाने वाली कल्याणकारी योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा। जो श्रमिक पहले आवेदन करेगा उसके आवेदन पर पहले कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों में काम का ऑटोमैटिक समान बंटवारा होगा, ‘पिक एंड चूज’ की नीति पर अंकुश लगेगा। अगर कोई अधिकारी एक माह तक उस आवेदन पर कार्रवाई नहीं करता है तो जांच में लापरवाही मिलने पर आरोपी अधिकारी के खिलाफ कड़ा संज्ञान लिया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने नए सिस्टम को विभाग का ट्रांसफोरमेशन बताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ‘हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड’ द्वारा तैयार किए गए साफ्टवेयर का देश में उसी तरह अनुकरण किया जाएगा जिस प्रकार ‘लाल-डोरा मुक्त गांव’ अभियान को अपनाया गया है।
श्रम एवं रोजगार विभाग के राज्य मंत्री अनूप धानक ने बोर्ड द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन सिस्टम के लिए उपमुख्यमंत्री की सोच को मजदूरों के हित में बताया और कहा कि पंजीकृत श्रमिक एक गरीब तबके से होते हैं, इस सॉफ्टवेयर से उनको योजनाओं का लाभ मिलने में आसानी होगी। कोविड-19 के दौरान श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के लिए किए गए कार्य की सराहना भी की।
श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री वी.एस कुंडु ने विभाग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि ‘सैंट्रल प्रोसेसिंग सिस्टम’ शुरू होने से श्रमिकों के मुद्दों को सुलझाने में काफी मदद मिलेगी। इस अवसर पर श्रम विभाग के आयुक्त पंकज अग्रवाल, बोर्ड के संयुक्त सचिव अनुराग गहलावत, बोर्ड-चेयरमैन के सलाहकार श्री प्रहलाद गोदारा के अलावा विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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