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अब सबको नहीं मिलेगा रेमडेसिविर इंजेक्शन, जिला स्तरीय समिति के पुनर्गठन हुआ 

Remdisivir-Injiction
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चंडीगढ़  - हरियाणा सरकार ने राज्यभर में इंजेक्शन रेमडेसिविर के सही वितरण के लिए आज जिला स्तरीय समिति का पुनर्गठन किया है ताकि इस इंजेक्शन के अंधाधुंध उपयोग की बजाए केवल वांछित रोगी को ही यह इंजेक्शन दिया जा सके। इस इंजेक्शन का उपयोग कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए किया जा रहा है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने आज जिला स्तरीय समिति के पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब इस समिति के चेयरमैन संबंधित जिला के अतिरिक्त उपायुक्त होंगे और इसमें सिविल सर्जन या उनके प्रतिनिधि, आईएमए के जिला अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि तथा मुख्य फार्मासिस्ट / फार्मासिस्ट भी शामिल होंगे।

इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पहले इन समितियों में चिकित्सकों को शामिल किया गया था तथा अध्यक्ष सिविल सर्जन को बनाया गया था।

प्रवक्ता ने कहा कि उक्त दवा के अनुमोदन के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देशों के अनुसार, सभी कोविड अस्पतालों को उनके यहां दाखिल कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए रेमडेसिविर के इंजेक्शन की आवश्यकता पडऩे पर संबंधित जिले की समिति को आवेदन करना होगा। आवेदक अस्पताल को निर्धारित प्रोफार्मा भरकर ईमेल या व्यक्तिगत रूप से उसकी प्रति संबंधित सिविल सर्जन को भेजनी होगी। उन्होंने कहा कि अधूरे भरे हुए प्रोफार्मा के किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि प्रत्येक जिले में समिति की दिन में दो बार बैठक होगी जो प्राप्त आवेदनों की जांच कर जल्द से जल्द निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि दैनिक बैठकों के निर्णय से सभी हितधारकों को ई-मेल के माध्यम से अवगत कराया जाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि इनकार करने के कारणों को भी लिखा जाएगा और अपेक्षित अस्पतालों / चिकित्सकों को सूचित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इंजेक्शन देने के लिए अनुमोदित अस्पताल को एचएमएससीएल द्वारा बताई गई वास्तविक लागत को संबंधित सिविल सर्जन को जमा करवाना होगा। इसके अलावा, संबंधित सिविल सर्जन अनुमोदित अस्पताल के अधिकृत व्यक्ति को दवा जारी करेगा। प्रवक्ता ने कहा कि इंजेक्शन से एकत्र की गई राशि एचएमएससीएल के खाते में जमा की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी सिविल सर्जन उसी दिन दवा जारी करना सुनिश्चित करेंगे, क्योंकि स्टोर सप्ताह में सातों दिन 24 घण्टे खुला रहेगा।

प्रवक्ता ने कहा कि भविष्य में भी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की स्वीकृति से एचएमएससीएल के साथ समन्वय में स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के निदेशक (एमएसडी) का कार्यालय इस दवा का वितरण सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, समग्र प्रबंधन की निगरानी भी उक्त कार्यालय द्वारा की जाएगी।

उन्होंने कहा कि संबंधित अस्पताल केवल अनुमोदित रोगी के लिए दवा के उपयोग के संबंध में एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगा। उन्होंने बताया कि यह अस्पताल प्रशासन या संस्थान की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह रेमडेसिविर के पर्चे की दवा का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करे। यही नहीं स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समन्वय बना कर रखे और उचित रिकॉर्ड भी रखे ताकि बाद में ऑडिट के लिए रिकॉर्ड उपलब्ध हो सके।

उन्होंने कहा कि यदि रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी किया जाता है और रोगी की मृत्यु हो जाती है तो संबंधित अस्पताल रोगी के परिवार को राशि की प्रतिपूर्ति करेगा और उस दवा का उपयोग भविष्य में अनुमोदित केस के लिए स्टॉक में रखेगा। सिविल सर्जन को ऐसे मामले की तुरंत जानकारी दी जाएगी।

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