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एनसीआर के आस-पास चल रहा है मानव तस्करी का खेल, बाल विकास विभाग हरकत में आया 

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चंडीगढ़, : कोविड-19 के दौरान अनाथ और बेसहारा हो रहे बच्चों की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश में किसी बच्चे के अनाथ होने पर या किसी बच्चे को मदद की आवश्यकता है तो इसकी सूचना  तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 ,बाल संरक्षण अधिकारी , बाल कल्याण समिति या पुलिस विभाग को दी जानी चाहिए ।  

यह जानकारी देते हुए आज एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि एनसीआर व आसपास के क्षेत्र में कुछ लोग मानव तस्करी के अवैध धंधे में संलिप्त हैं जो कि बच्चों को संतान के इच्छुक लोगों को बेचने की कोशिश करते हैं। । कोविड काल में मासूम बच्चों की फोटो शेयर कर आमजन की भावना से खिलवाड़ किया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि प्रदेश में राज्य दत्तक ग्रहण एजेंसी द्वारा ही अनाथ या बेसहारा बच्चों को केवल कानूनी प्रक्रिया के द्वारा ही गोद दिया जाता है सीधे तौर पर अनाथ बच्चों को गोद लेना - देना गैरकानूनी है और दंडनीय अपराध है। कानूनी रूप से बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटसीएआरएडॉटएनआईसी डॉटइन पर जानकारी हासिल की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति कोविड-19 जैसी बीमारी का फायदा उठाकर किसी बेसहारा या अनाथ बच्चे को नुकसान पहुंचाता है तो इसकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को भी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में बने बाल संरक्षण कार्यालय बच्चों की सहायता के लिए है। कोई बच्चा संकट में है या शारीरिक व मानसिक रुप से पीडि़त है तो इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर डालने की बजाय संबंधित जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दी जाए।

उन्होंने बताया कि किसी भी अनाथ बच्चे को व्यक्तिगत रूप से गोद नहीं लेना चाहिए। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही बच्चा गोद लिया जाना चाहिए। इन दिनों सोशल मीडिया पर कोरोना महामारी का हवाला देते हुए अनाथ बच्चों की फोटो आदि वायरल की जा रही है। इस प्रकार की पोस्ट में यह अपील की जाती है कि इन बच्चों को गोद लेने वाले संपर्क करें जबकि इन पर विश्वास कतई नहीं किया जाना चाहिए।

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