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माना कि अंधेरा घना है, पर दीपक जलाना कब मना है- CM

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 चंडीगढ़, 24 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर पर नियंत्रण के लिए  एक और बड़ा कदम उठाते हुए  राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के दूर-दराज के इलाकों में उचित स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने की दृष्टि से आज वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करनाल से ‘संजीवनी परियोजना’ की पायलट परियोजना का शुभारंभ किया। परियोजना को बाद में राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।

 परियोजना की शुरूआत में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। कुछ समय पूर्व तक हमारी प्राथमिकता शिक्षा थी लेकिन वर्तमान प्रवेश में स्वास्थ्य सुविधाएं सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। उन्होंने कहा कि  वर्तमान परिवेश में पूरा विश्व ही महामारी की चपेट में आने से मानवता पर बड़ा सकंट है, इसलिए आवश्यकता स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने की है। संजीवनी परियोजना की शुरूआत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के घरद्वार तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए की गई है।

 उन्होंने कहा कि यह संकट का समय है। आज के समय में यहीं आवश्यक है कि ‘चलो जलाएं दीप वहां, जहां अभी भी अधेरा है।’ उन्होंने साथ ही कहा कि ‘माना कि अंधेरा घना है, पर दीपक जलाना कब मना है।’

‘पोस्ट कोविड इफेक्ट’ के समाधान पर भी ध्यान केन्द्रित

   उन्होंने कहा कि  एक तरफ जहां होम आइसोलेश्न में रह रहे मरीजों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना प्राथमिकता है वहीं ‘पोस्ट कोविड इफेक्ट’ के समाधान पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है। कई स्थानों से ब्लैक फंगस की शिकायतें मिलने के बाद डॉक्टरों को इसका समाधान खोजने व इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों के लिए वार्ड, बेड आदि की व्यवस्था के लिए योजना बनाई जा रही हैं।

 अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं करनाल के संजीवनी परियोजना के इंचार्ज श्री देवेन्द्र सिंह ने परियोजना के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि करनाल के उपायुक्त श्री निशांत यादव के नेतृत्व में ‘डिलॉयट ग्लोबल’ के सहयोग से इस परियोजना की कल्पना एवं उसे साकार किया गया । परियोजना की मुख्य विशेषताओं को सांझा करते हुए श्री. देवेंद्र सिंह ने कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, करनाल के निदेशक डॉ. जगदीश चंदर दुरेजा का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस परियोजना के तहत विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए कॉलेज के इंटर्न छात्रों की सेवाएं प्रदान कीं।

 हरियाणा के मूल निवासी एवं डिर्लायट ग्लोबल के सीईओ श्री पुनीत रंजन ने कहा कि उनका उद्देश्य प्रदेश में हरियाणा सरकार का सहयोग करते हुए उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना है। यह सहयोग उन कोविड मरीजों को सहायता प्रदान करके मेडिकल वार्ड का विस्तार करेगा जो घर पर ठीक हो सकते हैं ताकि गंभीर रूप से बीमार लोगों के इलाज के लिए बड़े अस्पतालों में स्थान मिल सके ।

इस परियोजना के लागू होने से राज्य सरकार चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने में सक्षम होगी और रोगियों के लिए तीन स्तरीय चिकित्सा बुनियादी ढांचा प्रदान करेगी।  इसमें ग्राम स्तर और उप-केंद्र स्तर पर और हल्के रोगियों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों पर आइसोलेशन वार्ड शामिल हैं। आक्सीजन की आवश्यकता वाले मध्यम लक्षणों वाले रोगियों के लिए जिला या उप-जिला स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फील्ड अस्पताल और गंभीर रोगियों के लिए आईसीयू सुविधाओं से लैस बड़े सरकारी सिविल या निजी अस्पतालों में उन्नत चिकित्सा केंद्र होंगे।

  हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री श्री अनिल विज, शिक्षा मंत्री एवं करनाल में कोविड नियंत्रण के लिए प्रभारी मंत्री श्री कंवरपाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तथा करनाल के सांसद श्री संजय भाटिया एवं करनाल से कार्यक्रम में जुड़े। ‘डिलॉयट ग्लोबल’ के सीईओ श्री पुनीत रंजन भी अमेरिका से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर, अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। ‘डिलॉयट ग्लोबल’ के इण्डिया हेड श्री वेकेन्ट, रोमल शेट्टी (प्रेजिडेट कन्सलटिंग,डिलॉयट इण्डिया) समेत 23 प्रौफेशनल जुड़े। पीजीआई, रोहतक से डॉ. ध्रुव चौधरी एवं पब्लिक हेल्थ ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी भी कार्यक्रम से जुड़े।

ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड नियंत्रण के लिए एकीकृत स्वास्थ्य समाधान

संजीवनी परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड नियंत्रण के लिए एकीकृत स्वास्थ्य समाधान है। इसके तहत जहां 200 मेडिकल इंटर्न विद्यार्थी कोविड मरीजों को फोन से सम्पर्क कर उनके स्वास्थ्य सम्बंधी जानकारी ले रहे हैं वहीं इस जानकारी के दौरान गम्भीर लक्षणों वाले मरीजों की जांच करवाकर अस्पताल में दाखिल करवाया जा रहा है। घर-घर जांच के दौरान मिले कोविड मरीजों को होम केयर किट दी जा रही हैं। करनाल जिले में 6500 होम किट तैयार की गई इसमें ऑक्सीमीटर, स्टीमर आदि के साथ ही 15 वस्तुएं (दवाइयां भी) शामिल हैं।

करनाल जिले में इस परियोजना के तहत आठ सीएचसी में एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुसेल तैनात की गई हैं जो 24 घण्टे इस अस्पतालों में मौजूद रहती है। एकीकृत कमाण्ड एवं कन्ट्रोल केन्द्र में पूरे जिले की पल पल की अपडेट जानकारी रहती है।

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