फरीदाबाद, 22 मार्च। प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर युवा कांग्रेसी नेता गौरव चौधरी ने बीजेपी सरकार और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो बीजेपी सरकार प्रदेश में कोराेना वैक्सीन को लेकर लोगों को जागरूक कर रही है और उनको टीके लगवाए जा रहे है। कोरोना वैक्सीन के टीके पहले प्रशासनिक अधिकारियों, मेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मचारियों और सफाई कर्मचारियों को लगाए गए। इसके बाद अब ये टीके बुजुर्गों को लगाए जा रहे हैं। मगर, जिस तरह से प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों को कोरोना हो रहा है, वो सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है।
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव अमित अग्रवाल, मुख्य सचिव विजयवर्धन, मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, सीआईडी चीफ आलोक मित्तल तक कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। इससे सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं कि क्या सरकार में बैठे उच्च अधिकारियों को कोरोना वैक्सीन नही लगाई गई, जो, वो कोरोना पॉजिटिव हो गए। या फिर कोरोना वैक्सीन लगाने के बावजूद वो पॉजिटिव हो गए और सरकार वैक्सीन को लेकर अपनी असफलता छिपा रहे हैं। इसलिए यह बड़ा सवाल है की जब वैक्सीन लगाने के बावजूद प्रसानिक अधिकारी पॉजिटिव हो रहे हैं तो आम लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल क्यों किया जा रहा है। या इनको वैक्सीन दी तो इसके परिणाम क्या हैं, जब सरकार चलाने वाले अधिकारी ही इसकी चपेट में आ रहे हैं, तो आम आदमी वैक्सीन के बाद अपने आप को कैसे सुरक्षित मान सकते हैं।
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