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बजट में बोये गए बवाल के बीज , विपक्ष को मिल गया एक और बड़ा मुद्द्दा 

Union-Budget-2021
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नई दिल्ली- कल पास हुए बजट को लेकर विपक्ष सरकार पर जमकर हल्ला बोल रहा है जिसे देख सरकार की राह आसान नहीं लग रही है क्यू कि विपक्ष का कहना है कि वर्तमान सरकार पुरखों की कमाई बेंचने लगी है। जिस जायदाद को पुरखों ने खून पसीने से बनाई थी उसे मोदी सरकार कुछ उद्योगपतियों को बेंच रही है। बीमा क्षेत्र में 74 फीसदी के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, एलआईसी के आईपीओ, दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की इजाजत देकर विपक्ष को विरोध के नए मसले दे दिए हैं। इस मुद्दे पर संसद में जमकर हंगामा हो सकता है। विपक्ष का कहना है 'सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं बिकने दूंगा' की बात करने वाले प्रधानमंत्री अब देश के संसाधनों को बेचकर ही दम लेंगे। बजट बजट न होकर सरकारी सेल हो गया। सड़क, बिजली, एयरपोर्ट, ट्रेन के साथ-साथ जो मन किया बेच दिया।

सोशल मीडिया पर भी सरकार की कल से जमकर किरकिरी हो रही है। शायद बजट हर किसी को अच्छा लगा। कुछ बड़े लोगों और सत्ताधारी पार्टी के लोगों को ही अच्छा लगा है। अभी किसानों से जूझ रही सरकार के लिए विपक्ष नहीं नई मुसीबत खड़ी कर सका है। एक और मुद्दा सरकार ने दे दिया है। 

 सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने केन्द्रीय आम बजट की घोर निन्दा की है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि कर्मचारियों को आशा थी कि सरकार पुरानी पेंशन व डीए बहाली, आय-कर छूट की सीमा बढ़ाने, ठेका प्रथा व निजीकरण की नीतियों पर रोक लगाने व ठेका कर्मचारियों को पक्का करने के कदम उठाएंगी। लेकिन बजट में कर्मचारियों के इन मुद्दों को संबोधित न करने से कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री ने ऐसा करने की बजाय जनता के खून-पसीने से खड़े किए गए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेचने की खुलेआम धोषणा करके जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आम बजट में बिजली वितरण प्रणाली को भी निजी घरानों के हवाले करने का विधिवत ऐलान कर दिया गया है। जिसके खिलाफ बिजली कर्मचारी 3 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे।


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