चंडीगढ़- किसान आंदोलन का 50वां दिन और अब भी आंदोलन जारी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी से किसान खुश नहीं हैं और आंदोलन जारी रखने के एलान से सबसे ज्यादा नुक्सान हरियाणा भाजपा-जजपा को हो रहा है। कल गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात के पहले उप-मुख्य्मंत्री दुष्यंत चौटाला अपनी पार्टी के विधायकों से मिले थे और सूत्रों द्वारा जानकारी मिल रही है कि जजपा के कई विधायकों ने दुष्यंत चौटाला से कहा कि किसान आंदोलन से पार्टी का भी बहुत नुक्सान हो रहा है इसलिए सरकार से कहें कि क़ानून वापस लिए जाएँ। इस बैठक में नाराजगी के कारण नारनौद के विधायक रामकुमार गौतम तो शामिल ही नहीं हुए थे।
जजपा के विधायकों ने कहा कि किसानों के कारण वो घर से ठीक से निकल नहीं सकते और यहां तक की सीएम भी अपनी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके और उन्होंने दुष्यंत चौटाला से कहा कि आप भी अपना कार्यक्रम नहीं कर सके जिससे पार्टी का नुक्सान हो रहा है। गृह मंत्री से मुलाक़ात में उन्हें बताएं कि हमारा कितना नुक्सान हो रहा है और क़ानून वापस लिए जाएँ। किसान हमारे मतदाता रहे हैं और वही हमसे नाराज हो रहे हैं हमें घरों से नहीं निकलने दे रहे हैं।
ये सब देख लगता है कि फ़िलहाल गठबंधन सरकार की राह आसान नहीं है क्यू कि आंदोलन जारी है और जानकारी मिल रही है कि अगर जजपा के विधायकों ने दुष्यंत का साथ छोड़ा तो कई निर्दलीय विधायक भी समर्थन वापस ले सकते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव की बात कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र्र सिंह हुड्डा पहले ही राज्य सरकार के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का ऐलान कर चुके हैं। कांग्रेस का मानना है कि दुष्यंत चौटाला सरकार का साथ नहीं छोड़ेंगे, ऐसे में उनके विधायक बगावत का रास्ता अपना सकते हैं। अविश्वास प्रस्ताव इसी रणनीति का हिस्सा है, ताकि किसानों के सामने दूध का दूध और पानी का पानी किया जा सके।
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