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ढाई माह पहले पड़ा लिंटर ढहा, 19 लोगों की मौत, शायद भ्रष्टों ने सीमेंट की जगह राख लगाया था

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हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

नई दिल्ली- भरष्टाचारी देश पर हावी होते जा रहे हैं कोई बैंकों से अरबों-खरबों  लेकर खुद को दीवालिया घोषित कर विदेश में मौज कर रहा है तो कोई अन्य किसी तरह से देश को लूट रहा है। देश में कौन सी सरकारी इमारत, कौन सा पुल, कौन सा स्कूल कब अपने आप जमींदोज हो जाए कोई पता नहीं है। तमाम बड़े हादसों में सैकड़ों बेगुनाहों की असमय जान जा चुकी है। देश पर कलयुग हावी है और एक अधिकतर सड़कें भी दो साल से ज्यादा नहीं चलतीं। स्कूल, अस्पताल, पुल ही नहीं शमशान घाट की इमारत के निर्माण में भी भ्रष्ट कमाने से नहीं चूक रहे हैं। लोग बेमौत मर रहे हैं जैसे आज उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मुरादनगर के शमशान घाट में 19 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। कई घायल हैं। मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है। 

जानकारी मिल रही है कि इस  श्मशान घाट में क्षतिग्रस्त लिंटर का निर्माण गत अक्तूबर में ही पूरा हुआ था। हल्की बारिश भी ये लिंटर झेल नहीं पाया और भरभाकर उस समय गिर गया जब एक बुजुर्ग का अंतिम संस्कार चल रहा था और अंतिम यात्रा में गए लोग छत के नीचे खड़े थे।  मौके पर जमा भीड़ भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने की मांग कर रही है।

 हादसे का शिकार हुए सभी लोग मुरादनगर के डिफेंस कॉलोनी निवासी फल विक्रेता जयराम (उम्र करीब-65) की अंत्येष्टि में आए थे। ये सभी लोग अंत्येष्टि के बाद गेट से सटी गैलरी में मौन धारण करने के लिए जमा हुए थे। इसी दौरान ये हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि ढाई माह पहले गैलरी का निर्माण कराया गया था। आरोप है कि सरिया को छोड़ निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। गैलरी ढहते ही निर्माण सामग्री चूरे में तब्दील हो गई।  आज का हादसा बड़ा दर्दनाक है ,हरियाणा अब तक पर आने हादसे के कई वीडियो देखे होंगे। ढाई महीने में अगर कोई निर्माण इस तरह से गिरता है और लोगों की जान ले लेता है तो आप सोंच सकते हैं कि देश में किस कदर भ्रष्ट लोग हावी हो रहे हैं। अगर आप किसी गांव से ताल्लुक रखते हैं तो आप को याद होगा कि गांव में 60 से 100 साल पुराने कच्चे मिट्टी के मकान हैं और उनके छत अब भी सलामत हैं। ये भ्रष्टाचार न जाने कौन सी राख को सीमेंट बता निर्माणों में इस्तेमाल कर रहे हैं कोई पता नहीं। 

ऐसे मामलों में जांच की बात भी कही जाती है। आज भी कहा जा रहा है कि मामले की जांच करवाई जाएगी। शायद ही जांच ठीक से हो क्यू कि लिफाफा ऊपर तक पहुँचता है। स्थानीय नेता और ठेकेदारों की मिलीभगत से घटिया मैटेरियल से ऐसे निर्माण होते हैं। बाद में सब दबा दिया जाता है। देश के कई राज्यों में सरकारी निर्माण असमय ढहे, कई पुल ढहे, सैकड़ों की जान गई और अब तक सुनने में नहीं आया कि किसी को सजा मिली हो। चोर-चोर मौसेरे भाई वाली कहावत सत्य है तभी ऐसे निर्माण जारी हैं। 

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