फरीदाबाद- आज पूरे दिन फरीदाबाद में ठीक से सूर्य का दीदार नहीं हो सका। दोपहर जिले के एक बड़े नेता के यहाँ किसी जरूरी काम से जाना पड़ा तो वहां पहुंचे कुछ पुलिस अधिकारी भी खांसते दिखे और नेता जी खुद भी खांस रहे थे और अपने टेबल पर रखी आयुर्वेदिक दवाई की शीशी रखी पुलिस अधिकारीयों को पिलाते दिखे। फरीदाबाद का वर्तमान समय में बहुत बुरा हाल है। अभी कुछ देर पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स 600 के आस-पास दिखा जो बहुत ही खतरनाक है। जिन्होंने कहा एक बीड़ी सिगरेट नहीं पिया वो न चाहते हुए भी लगभग 50 सिगरेट रोजाना पीने लगे हैं और लाखों लोगों के फेफड़े ख़राब होने लगे हैं। आपको बता दें कि 1 नवंबर, 1966 को पंजाब को विभक्त कर एक अलग राज्य के रूप में हरियाणा का गठन किया गया था। वर्तमान समय में हरियाणा के लोग बहुत दुखी हैं।
आज छुट्टी का दिन है और बड़े लोग तो घरों में रहे होंगे, कई विभागों के अधिकारी कर्मचारी घरो में रहे होंगे लेकिन पुलिस अधिकारीयों की मजबूरी है कि वो चाहते हुए भी अपने घरो में नहीं रह सकते। फरीदाबाद का हाल बहुत बेहाल होता जा रहा है। एक तरह से ये शहर अब अंधेर नगरी में तब्दील हो चुका है। लोग बेमौत मरने लगे हैं। एक तो कोरोना का कहर ऊपर से जहरीला प्रदूषण, ये शहर मजदूरों का शहर है, मजदूर भाजपा की मंहगाई से आहत हैं साथ में प्रदूषण रूपी जहर भी पी रहे हैं। इस शहर का इतना बुरा हाल 1966 के बाद पहली बार हुआ है। कारण कई हैं। भाजपा नेताओं को मिर्ची लग सकती है इसलिए?



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