नई दिल्ली- कई राज्यों में राशन माफिया बड़ा खेल खेल रहे हैं। कोरोना काल में तो इनकी और ज्यादा मौज आ गई। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश में ये माफिया बड़ा घोटाला कर रहे हैं और गरीबों को मिलने वाला राशन डकार रहे हैं। हरियाणा के फरीदाबाद में एक दिन पहले कुछ राशन माफियाओं के लाइसेंस रद्द किये गए थे लेकिन बड़े माफियाओं तक अब तक कोई नहीं पहुँच सका।
कई बड़े शहरों में अधिकतर प्रवासी मजदूर हैं जिनके राशन कार्ड हैं और वो डिपो पर राशन लेने जाते हैं तो डिपो धारक या तो उन्हें कम राशन देता है या देता ही नहीं है। अंगूठा भी लगवा लिया जाता है और कहा जाता है ऊपर से राशन ही नहीं आया। कई बड़े शहरों से लाखों प्रवासी अपने राज्य जा चुके हैं उनके हिस्से का भी राशन माफिया अब तक डकार रहे हैं। इन माफियाओं की स्थानीय नेताओं से भी सांठगांठ होती है। यही वजह है कि बहुत कम नेता इनके खिलाफ आवाज उठाते हैं। नेताओं को इनकी माला पसंद है। माफिया इन्हे माला पहनाकर खुश करते रहते हैं। चुनावों के समय नोटों की मालाएं भी पहनाई जाती हैं।
राशन घोटाले की बात करें तो आज एक बड़ी कार्यवाही मध्य प्रदेश में की गई है जहाँ मुख्य्मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अनाज माफ़िया के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही के निर्देश देने के बाद इंदौर जिला प्रशासन द्वारा महू में लगभग 50 करोड़ रुपये के अनाज घोटाले का पर्दाफ़ाश किया गया है।
कलेक्टर मनीष सिंह ने आज महू में बताया कि इस संबंध में एफ़आइआर दर्ज की गई है और विस्तृत जाँच की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस अनाज घोटाले के तार बालाघाट मंडला और नीमच से भी जुड़े पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्राथमिक जाँच में व्यापारी मोहनलाल अग्रवाल और उसके सहयोगियों के नाम आए हैं। इसमें नागरिक आपूर्ति निगम के एक कर्मचारी की संलिप्तता भी पाई गई है।
@CMMadhyaPradeshश्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अनाज माफ़िया के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे। निर्देशों के अनुपालन के क्रम में इंदौर जिला प्रशासन द्वारा महू में लगभग 50 करोड़ रुपये के अनाज घोटाले का पर्दाफ़ाश किया गया है। @JansamparkMP @ChouhanShivraj pic.twitter.com/CBJmQuZDsg— Collector Indore (@IndoreCollector) September 12, 2020
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