नई दिल्ली- टमाटर के दाम तो काफी समय से आसमान पर हैं वहीं लगभग दो हफ़्तों से प्याज के दामों में भी बढ़ोत्तरी होने लगी थी जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने हाल में ही प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी। सरकार के इस निर्णय से महाराष्ट्र के प्याज के कारोबारी और किसान दुखी हैं। अब ऑल इंडिया किसान सभा, महाराष्ट्र के जनरल सेक्रेटरी का कहना है कि केंद्र सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाकर महाराष्ट्र और पूरे देश के प्याज उत्पादक किसानों के प्रति बहुत बड़ा विश्वासघात किया है। किसान इस निर्णय से आहत हैं और अपना गुस्सा आंदोलन के जरिए रस्तों पर उतरकर व्यक्त करेंगे।
आपको बता दें कि दक्षिण भारत में इस साल काफी बारिश होने के कारण प्याज का उत्पादन प्रभावित हुआ है इसलिए इसके दाम बढ़ने लगे थे। बढ़ते दामों को देख जमाखोर बड़ा ख्वाब देखने लगे थे लेकिन सरकार ने निर्यात पर रोक लगाकर उनके सपने मिट्टी में मिला दिए। अगर प्याज के दाम और बढे तो सरकार सरकारी एजेंसियों को प्याज उपलब्ध करवा सस्ते दाम पर बेंच सकती है जो जमाखोरों को हजम नहीं होगी। आपको पता होगा कि पिछले साल भी प्याज के दाम आसमान पर पहुँच गए थे जिसके बाद कई राज्यों में राशन डिपो पर सस्ती प्याज बेंची गई थी। इस बार सरकार पहले से ही सतर्क हो गई है।
प्याज ही नहीं आलू भी इस साल काफी मंहगी है जिसके दाम कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं उस पर टमाटर भी लाल हो गया है जिस कारण कोरोना काल में आम आदमी का रसोई का बजट ख़राब हो गया है। टमाटर कई मंडियों में 80 रुपए प्रति किलो हो गया है वहीं , प्याज जो पिछले महीने तक 25 से 30 रुपये तक था, अब 40 से 45 रुपये किलो तक का मिल रहा है। ऐसा ही हाल आलू का भी है। आलू लोकल बाजारों में 35 से 40 रुपये किलो तक बिक रहा है। अधिकतर लोग अब आलू- प्याज, टमाटर एक साथ नहीं खरीद पा रहे हैं। इन तीनों के दाम एक साथ बढ़ रहे हैं ऐसा पहली बार हो रहा है।
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