चंडीगढ़, 12 अगस्त : हरियाणा पर्यटन विभाग के दो एक्एसईएन के बीच सीट को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है और यह दिन-प्रतिदिन लम्बा खिंचता जा रहा है। हरियाणा पर्यटन विभाग, चंडीगढ़ के कार्यालय में एक ही सीट पर दो-दो एक्सईएन कार्य कर रहे हैं। दोनों एक्सईएन के बीच इस तरह हो रही खींचतान के चलते जहां पर्यटन विभाग की किरकिरी हो रही है, वहीं हरियाणा सरकार पर भी सवालिया निशान उठाए जा रहे हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक एक्सईएन जोकि ट्रांसफर के बाद भी यहां पर ठीके हुए है और नए एक्एसईएन गौतम कुमार को वहां का चार्ज नहीं दिया जा रहा है।
अपने आपको एमडी टूरिज्म का खासम-खास कहने वाले अनुज गुप्ता जोकि चंडीगढ़ मुख्यालय में एक्सईएन का कार्यभार संभाल रहे थे का ट्रांसफर नारनौल डिविजन नं.3 में हो गया है। उनकी जगह गौतम कुमार को एक्सईएन, पर्यटन विभाग चंडीगढ़ लगाया गया है और अपनी ट्रांसफर के अगले दिन ही गौतम कुमार ने 29 जुलाई को अपनी ज्वाइनिंग भी दे दी थी। जिस पर एमडी टूरिज्म ने 4 दिन के लिए रोक लगा दी। इसके बाद गौतम कुमार की ज्वाईनिंग 4 अगस्त को मजबूरीवश स्वीकार करनी पड़ी। मगर मजे की बात यह है कि पहले वाले एक्सईएन अनुज गुप्ता अपनी कुर्सी छोडऩे को तैयार नहीं है।
अपने रिलीव ऑर्डर के बावजूद वह वहां पर टिके हुए हैं और कोई जुगत भिड़ाने का प्रयास कर रहे हैं। मगर, इस सबके बीच पर्यटन विभाग की जो फजीहत हो रही है कि एक ही पोस्ट पर दो-दो अधिकारी कार्य कर रहे हैं। इतना ही नहीं दोनों अधिकारी वर्क ऑर्डर या अन्य कागजों पर भी साइन कर रहे हैं। इन दोनों के बीच खींचतान इतनी बढ़ गई कि दोनों के बीच बात जूतम-पैजार तक जा पहुंची। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री के ट्रांसफर ऑर्डर वापिस होते हैं या अनुज गुप्ता को अपनी कुर्सी छोडनी पड़ेगी। अनुज गुप्ता पिछले 6 साल से डेपुटेशन पर है, जबकि कानूनन सरकार किसी भी अधिकारी को 5 वर्ष से अधिक डेपूटेशन पर नहीं रख सकती।
अपने रिलीव ऑर्डर के बावजूद वह वहां पर टिके हुए हैं और कोई जुगत भिड़ाने का प्रयास कर रहे हैं। मगर, इस सबके बीच पर्यटन विभाग की जो फजीहत हो रही है कि एक ही पोस्ट पर दो-दो अधिकारी कार्य कर रहे हैं। इतना ही नहीं दोनों अधिकारी वर्क ऑर्डर या अन्य कागजों पर भी साइन कर रहे हैं। इन दोनों के बीच खींचतान इतनी बढ़ गई कि दोनों के बीच बात जूतम-पैजार तक जा पहुंची। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री के ट्रांसफर ऑर्डर वापिस होते हैं या अनुज गुप्ता को अपनी कुर्सी छोडनी पड़ेगी। अनुज गुप्ता पिछले 6 साल से डेपुटेशन पर है, जबकि कानूनन सरकार किसी भी अधिकारी को 5 वर्ष से अधिक डेपूटेशन पर नहीं रख सकती।
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