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दुष्यंत चौटाला ने GST परिषद् से अनोध किया  लंबित 5840 करोड़ रूपये जल्द दें

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चंडीगढ़, - हरियाणा के उपमुख्यमंत्री  दुष्यंत चौटाला ने जीएसटी परिषद से  अनुरोध किया कि राज्य का क्षतिपूर्ति का 5840 करोड़ रूपया, जो पिछले चार महीने से लंबित है, उसका जल्द भुगतान किया जाए।
          उपमुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ से वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से 41वीं जीएसटी परिषद में हिस्सा लेते हुए केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि हरियाणा को अधिक से अधिक वित्तीय सहायता उपलब्ध करवानी चाहिए, क्योंकि कोविड-19 के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में जीएसटी लागू होने के पांच वर्ष पूरे होने तक केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसटी के कारण होने वाले राजस्व की क्षतिपूर्ति करने के लिए वित्तीय सहायता देने की बात कही थी। दुष्यंत चौटाला ने मांग की कि 5 वर्षों तक मदद करने की इस अवधि को क्षतिपूर्ति के लिए आगे बढ़ाया जाना चाहिए। 

          वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण व राज्यमंत्री श्री अनुराग ठाकुर के अलावा कई वरिष्ठï अधिकारी उपस्थित थे।

 दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा मैनूफैक्चरिंग व एक्सपोर्ट के मामले में एक अग्रणी राज्य है। जीएसटी प्रणाली शुरू होने से पहले राज्य को उत्पादों पर टैक्स के रूप में काफी राजस्व मिलता था। जीएसटी प्रणाली लागू होने से प्रदेश के राजस्व संग्रह पर बहुत असर पड़ा है। क्योंकि जीएसटी का लाभ उन राज्यों को ज्यादा हो रहा है जहां पर किसी उत्पाद की बिक्री होती है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण भी राज्य के राजस्व पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

          डिप्टी सीएम ने जीएसटी परिषद का उस बात की तरफ ध्यान आकर्षित किया जिसमें संविधान में संशोधन कर संसद को राज्यों के लिए क्षतिपूर्ति का भुगतान सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में संसद को आगे आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि परिषद को राजस्व घाटे की समस्या के दीर्घकालीन समाधान के रूप में राजस्व बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।

 दुष्यंत चौटाला ने जीएसटी परिषद से यह भी अनुरोध किया कि लोकसभा व राज्यसभा की भांति सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए परिषद की अगली मीटिंग फिजिकली होनी चाहिए ताकि सभी राज्यों के प्रतिनिधि अपनी बात को बेहतर व प्रभावी ढ़ंग से रख सकें।
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