नई दिल्ली- देश की कुछ निजी अस्पतालों पर कोरोना इंफेक्शन फैलाने के आरोप लगने लगे हैं जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे अस्पतालों पर शिकंजा कसने का आदेश दिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कि जिन निजी अस्पतालों से इन्फेक्शन फैला है, उन्हें सील करें। बिना प्रशिक्षण, पीपीई किट, एन-95 मास्क और अन्य सुरक्षा उपायों के बिना कोई भी अस्पताल शुरू ना किया जाए।
रविवार को अपने आवास पर कोविड-19 से निपटने के लिए गठित टीम-11 के साथ प्रदेश की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि पूल टेस्ट के माध्यम से अधिक लोगों की जांच करके कोरोना वायरस महामारी पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है। अतः पूल टेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाए।
योगी ने कहा कि कोविड अस्पतालों में अनिवार्य रूप से सिर्फ कोविड संक्रमण का ही इलाज हो अन्य चिकित्सा गतिविधियां इन अस्पतालों में न की जाएं। अस्पतालों में मौजूद कोरोना से संबंधित तथा अन्य बायोमेडिकल वेस्ट का सुरक्षित डिस्पोजल सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि इसके अच्छे परिणाम मिले हैं। अस्पतालों में सभी आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सीएम ने एक बार फिर दोहराया कि प्रदेश में 30 जून तक किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति नहीं दी जाएगी।
आपको बता दें कि कुछ अस्पतालों में लोग किसी और बीमारी का इलाज करवाने जाते हैं और उन्हें कोरोना हो जा रहा है ऐसी अस्पतालों पर अब सवाल उठने लगे हैं। हरियाणा के फरीदाबाद में भी एक अस्पताल पर सवाल उठ रहे हैं लेकिन इस राज्य में योगी जैसा सीएम नहीं है।
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