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फीस वसूलने के लिए ऑनलाइन पढाई करवा बच्चों की आँखें खराब कर रहे हैं निजी स्कूल वाले 

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चंडीगढ़: हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि हरियाणा सरकार के एक  महीने की फीस लेने के आदेश आने के बाद स्कूल प्रबंधक अब  अन्य कई तरीकों से अभिभावकों को लूटने का प्रयास कर  रहे हैं । स्कूल प्रबंधकों ने लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए गुपचुप तरीके से ट्यूशन फीस व अपनी मर्जी से बनाए गए गैरकानूनी फंडों में काफी बढ़ोतरी कर दी है । जो पूरी तरह से गैरकानूनी है और मंच ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की है।कई अभिभावकों ने मंच को बताया कि जब उन्होंने अप्रैल 2019 में जमा कराई गई फीस की रसीद और अब अप्रैल 2020 में मांगी जा रही फीस का अंतर देखा तो कम से कम 3000 से ₹4000 अधिक फीस का अंतर मिला । इस पर जब अभिभावक स्कूल वालों से पूछ रहे हैं तो उनका यही कहना है कि जो फीस तय की है वही जमा करानी होगी वरना  आपके बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा ।इतना ही नहीं स्कूल में जाकर कंप्यूटर चलाया नहीं ,एसी का आनंद लिया नहीं उसके बावजूद कंप्यूटर व एसी का पैसा मांगा जा रहा है । इसके अलावा एनुअल चार्ज, स्कूल फंड ,कैपिटेशन डेवलपमेंट ,परीक्षा ,खेल ,मैगजीन इंश्योरेंस , सिक्योरिटी आदि अनेक फंडों के नाम पर पैसा मांगा जा रहा है। 

मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व जिला सचिव डॉक्टर मनोज शर्मा ने बताया कि कई अभिभावकों ने मंच को बताया है कि स्कूल प्रबंधकों ने जो ऑनलाइन पढ़ाई का नाटक शुरू किया है इससे उनके परिवार में अशांति पैदा हो गई है। मोबाइल के छोटे से स्क्रीन पर बच्चे 2से 3 घंटे स्कूलों द्वारा थोपी जा रही ऑन लाइन पढ़ाई को देख रहे हैं इससे उनके बच्चों के की आंखे खराब हो रही है।और वे चिड़चिड़े होते जा रहे हैं।  अभिभावक मंच का कहना है कि स्कूल प्रबंधकों ने यह ऑनलाइन पढ़ाई का नाटक सिर्फ सरकार को यह दिखाने के लिए किया है कि वह अप्रैल माह की फीस फ्री में नहीं ले  रहे हैं वह बच्चों को  पड़ा भी रहे हैं। कैलाश शर्मा ने कहा है कि जिस तरह सीबीएसई  ,व हरियाणा बोर्ड ने लोकडाउन के चलते  पढ़ाई बाधित होने व परीक्षा न होने की वजह से बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट किया है उसी प्रकार वह हुए आगे भी कुछ ना कुछ छूट चालू शिक्षा सत्र की पढ़ाई को लेकर छात्र व  अभिभावकों  को प्रदान करेगी ।अभिभावक बच्चों की पढ़ाई को लेकर ज्यादा टेंशन ना ले। सबसे पहले मोदी जी के आव्हान पर लोक डाउन व सोशल डिस्टेंस के सभी नियम कानूनों का पालन करते हुए घर पर ही रहे। सबसे पहले कोरोना को भगाएं ,उसे परास्त करें। 

कोरोना से देश बचेगा ,समाज बचेगा ,हम बचेंगे तो आगे पढ़ाई भी बचेगी ,चिंता ना करें । स्कूल प्रबंधकों को इस बार किताब कॉपियों को बेचने मोटा कमीशन नहीं मिल पा रहा है इसके लिए वे हरियाणा सरकार पर दबाव डाल रहे हैं कि वह किताब कॉपी की दुकानो को खोलने की परमिशन दें। जिससे अभिभावक किताब  कापी खरीद कर बच्चों को पढ़ा सकें और उन्हें कमीशन मिल सके। मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर  स्कूल प्रबंधकों की इस चाल में ना आने की बात कही है । मंच का मानना है कि अगर किताब ,कॉपी, स्टेशनरी की दुकान खोल दी गई तो इससे कोरोना को और अधिक फैलने का खतरा होगा अतः सरकार को किसी भी हालत में  किताबों की दुकान खोलने की परमिशन नहीं देनी चाहिए। है।  मंच ने सरकार से यह भी अपील की है कि कोरोना के चलते काम धंदे बिल्कुल बंद है अतः अभिभावकों से किसी भी प्रकार की फीस ना ली जाये ।और वैसे भी शिक्षा नियमावली के अनुसार, जिन स्कूलों के पास रिजर्व फंड होता है, वह स्कूल रिजर्व फंड इस्तेमाल करके, स्कूल के खर्चे पूरे कर सकते देते है। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि उनका जागरूक होना और एकजुट होना ही स्कूल प्रबंधकों की मनमानी का इलाज है। वह उनकी मनमानीयों के बारे में प्रधानमंत्री ,मुख्यमंत्री को ट्विटर व सोशल मीडिया के माध्यम से अवगत कराते रहें। और मंच के संपर्क में रहें।
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