नई दिल्ली: मुंबई भीड़ एक साजिश थी ये पहले ही दिन से लग रहा था। कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब मुंबई पुलिस का कहना है कि अलग-अलग 30 सोशल मीडिया अकाउंट्स की शिनाख्त की गई है, जिनसे ट्रेन सर्विस शुरू होने से जुड़ी अफवाह फैलाई गई थी, पुलिस ने कहा किसी के हाँथ में एक भी बैग नहीं था, पुलिस का कहना है कि पौने चार बजे से चार बजे के बीच भीड़ ऐसे इकट्ठा हुई, जैसे किसी ने इनको स्पेसिफिक तरह से इस वक्त यहां आने का समय दिया हो।
मुंबई मे ट्रांसपोर्ट ,लोकल टैक्सी ,बस ,लोकल ट्रेन पुरी तरह से बंद है,ऐसे मे तो बांद्रा स्टेशन और बस डिपो पे भीड कैसे पहुची,वहां से कोई ट्रेन गाँव नही जाती. टर्मिनस पे क्यो नही पहुची? और किसी के पास लगेज नही ,सूट केश समान फैमिली नही.— गरिमा सिंह (@GarimaSinghBJP) April 14, 2020
पुलिस ने इस मामले में एक चैनल के रिपोर्टर को भी गिरफ्तार किया है जिसने चैनल पर ट्रेनें चलनी की झूंठी खबर चलाई थी। इस रिपोर्टर को उस्मानाबाद से हिरासत में लेकर मुंबई ले जाया गया है। इस भीड़ पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि क्या वहाँ इकठ्ठा हुए मजदूरों के बाल बच्चे नहीं थे, अकेले ही अपने गांव जा रहे थे। बच्चों को पत्नी को मौत के मुँह में छोड़कर जा रहे थे। भीड़ में न कोई महिला न बच्चे थे। सवाल उठना जायज है। कुछ लोगों का कहना है कि ये प्रवासियों की भीड़ नहीं थी। भीड़ में आस-पास के इलाके के अधिक लोग थे और इन्हे एक साजिश के तहत इकठ्ठा किया गया था। कहा जा रहा है कि विनय दूबे एक प्यादा है। इसके कंधे पर बंदूख रख? पढ़ें ये ट्वीट
बांद्रा की घटना के गिरफ्तार विनय दुबे तो एक प्यादा है कंधा इसका है बंदूक कोई और चला रहा हैं वहां पर जुटी हुई भीड़ में सब सिंगल सोर्स के बंदे थे और भीड़ में ना ही कोई महिला दिखी न बच्चे दिखे इस बात की सही जांच होनी चाहिए ताकि असली गुनहगार पकड़ा जा सके....!!— पिंकू शुक्ला (@shuklapinku) April 15, 2020
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