फरीदाबाद : जुनून आदमी को किसी भी हद तक ले जा सकता है ऐसा ही जुनून वैभव सिंह यादव में देखने को मिला जिन्होंने बचपन से ही फ्री स्टाइल बॉक्सिंग में कदम बढ़ाना शुरू कर दिया था और कई बड़े कोचिंग सेंटरों से बॉक्सिंग के गुण और बारीकियां सीखी उसके बाद निरंतर प्रगति कर बॉक्सिंग में निखार लाते रहे। आज वह प्रोफेशनल मुक्केबाज के रूप में भारत के साथ-साथ विदेशों में भी जाने जाते हैं। एक साक्षात्कार के दौरान वैभव सिंह यादव ने बताया कि पढ़ाई के साथ साथ उनका शौक बचपन से ही मुक्केबाजी में बढ़ता रहा जिसको उन्होंने अपने जीवन शैली में ढाल लिया और निरंतर कड़ा अभ्यास करते रहे।
यादव ने बताया कि उनके पिता रंजीत सिंह यादव दिल्ली पुलिस में हैड कांस्टेबल के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं । मां हेमलता के असीम प्रोहत्साहन से वह निरंतर मुक्केबाजी में अपना कैरियर सुधारने में लगे हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली के प्रसिद्ध करोड़ीमल कॉलेज से उन्होंने बी.ए की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद पूरी तरह बॉक्सिंग में अपने कैरियर को संवारने में लग गए। श्री यादव ने बताया कि वह जर्मनी केनिया,थाईलैंड और इंडोनेशिया में विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं जहां उन्होंने प्रोफेशनल मुक्केबाजी पर कई खिताब जीते हैं उन्होंने बताया कि मुक्केबाजी के बादशाह कहे जाने वाले मौहम्मद अली और मॉइक टायसन को वह फॉलो करते हैं और यही नहीं थाईलैंड के राजा द्वारा भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुक्केबाज यादव ने बताया कि उन्होंने पांच बार थाईलैंड के विभिन्न इलाकों में मुक्केबाजी की फाईट की है जिसमें उन्होंने वहां के कई दिग्गज मुक्केबाजों को हराकर 30 जून 2019 को वल्र्ड बॉक्सिंग काउंसिल एशिया टाइटल जीता।
यादव ने बताया कि अपनी मुक्केबाजी को और निखारने के लिए जल्द ही वह अमेरिका जाने वाले हैं जहां पर वह मुक्केबाजी की बारीकियां और गुण ओलंपिक कोच मार्क अल्फ्रेडो गरगरो के निर्देशन में सीखेंगे। और उसके बाद वह वल्र्ड टाईटल के लिए फाइट करेंगे। श्री यादव ने बताया कि बताया कि मात- पिता के असीम सहयोग से वह मुक्केबाजी में अपना करियर बनाना चाहते हैं और अमेरिकी बॉक्सर रॉय जॉन्स जूनियर फ्लोएड मेवैदर,को फॉलो करते हैं जिसके माध्यम से वह पूरे विश्व में नाम कमाना चाहते हैं।
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