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कांग्रेस, केजरीवाल पर भारी पड़ने लगा शाहीन बाग़, इन दोनों पार्टियों ने 50 दिनों से जाम करवाई है सड़क 

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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों में अब शायद आम आदमी पार्टी को उतनी सफलता न मिले जितनी तीन हफ्ते पहले बताया जा रहा था। भाजपा नेता जमकर पसीना बहा रहे हैं। अब खुद पीएम मैदान में कूद चुके हैं। भाजपा का वोट प्रतिशत काफी बढ़ा है। 2014 के लोकसभा चुनावों से अब तक आप देख सकते हैं कि भाजपा को कोई चुनावी मुद्द्दा किसी जानकार से खरीदना नहीं पड़ा। विपक्ष ही भाजपा को घर बैठे मुद्दे दे देता है। चाय वाला, नीच जैसे कई मुद्दे भाजपा को विपक्ष ने ही तोहफे में दिए हैं और इन मुद्दों को भाजपा ने जमकर भुनाया भी है। दिल्ली चुनावों में कई पार्टियों  ने भाजपा को शाहीन बाग़ दे दिया और उसी मुद्दे को भाजपा के सभी नेता भुना रहे हैं। पीएम, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री सहित लगभग सभी नेता शाहीन बाग़ को उसी तरह भुना रहे हैं जैसे चायवाला मुद्दा भुनाया था। कांग्रेस के कई बड़े नेता शाहीन बाग़ जा चुके हैं तो आम आदमी पार्टी के कई नेता शाहीन बाग़ के प्रदर्शकारियों को समर्थन दे चुके हैं। आप और कांग्रेस दिल्ली के अल्प संख्यकों के वोटों के पीछे पडी है। 50 दिनों से सड़क बंद है और दोनों पार्टियों के नेता सड़क जाम करने वालों का साथ दे रहे हैं। 

कल कांग्रेस के घोषणापत्र में दिखा कि कांग्रेस हर तरह से अल्प संख्यकों को रिझाना चाहती है लेकिन आम आदमी पार्टी इन्हे पहले रिझा चुकी है। खुलकर टुकड़े गैंग का साथ दे चुकी है।आज पीएम ने अपनी रैली में शाहीन बाग़ प्रदर्शन को एक साजिश बताया तो अभी कुछ देर पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केजरीवाल एंड कंपनी वाले कहते हैं कि हम शाहीन बाग के साथ हैं और शाहीन बाग में नारे लगते हैं कि हमें चाहिए जिन्ना वाली आजादी। ये देश तो 1947 में आजाद हो चुका है। अब ये लोग कैसी आजादी मांग रहे हैं। 

इसके पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने एक रैली में कहा कि सीलमपुर हो, जामिया हो या फिर शाहीन बाग, बीते कई दिनों से सीएए को लेकर प्रदर्शन हुए। क्या ये प्रदर्शन सिर्फ एक संयोग है, जी नहीं ये संयोग नहीं ये एक प्रयोग है। इसके पीछे राजनीति का एक ऐसा डिजाइन है जो राष्ट्र के सौहार्द को खंडित करने के इरादे रखता है। यदि सिर्फ यह सिर्फ एक कानून का विरोध होता तो सरकार के तमाम आश्वासनों के बाद खत्म हो जाता। लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस राजनीति का खेल खेल रहे हैं। अब सारी बातें उजागर हो रही हैं। संविधान और तिरंगे को सामने रखकर ज्ञान बांटा जा रहा है और असली खेल से ध्यान हटाया जा रहा है। अदालतों की भावना यही रही है कि विरोध प्रदर्शनों से सामान्य लोगों को दिक्कत ना हो, देश की संपत्ति का नाश ना हो। प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट्स ने नाराजगी जताई है, लेकिन यह अदालतों की बात नहीं मानते और बात करते हैं संविधान की।
पीएम के सम्बोधन में भी शाहन बाग़ ही छाया रहा। हरियाणा अब तक ने चुनावी सट्टा बाजार से आज पीएम की रैली के बाद संपर्क किया तो उनका भी कहना है कि भाजपा को अब पहले से ज्यादा सीटें मिलेंगीं लेकिन?
कई राज्यों के भाजपा नेता दिल्ली में प्रचार कर रहे हैं। कई राज्यों के सीएम भी लेकिन ये नेता अपने राज्यों में कुछ खास नहीं कर सके हैं। घपले घोटाले पहले से ज्यादा होने लगे हैं जिस वजह से इन नेताओं के प्रचार से आप को ज्यादा नुक्सान नहीं होगा। अगले चार दिनों में भाजपा को हर रोज छक्के मारने की जरूरत है। भाजपा ऐसा कर पाती है या नहीं ये तो कल के बाद पता चलेगा। 
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