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हरियाणा में नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाएं बंद होने से जनता खुश, शिक्षा माफिया दुखी

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चंडीगढ़ : 04 दिसंबर। प्रदेश सरकार ने 8500 निजी स्कूलों पर  चाबुक चलाया और नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओंं को तुंरत प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी किया जिसके बाद प्रदेश की जनता खुश है और लगभग 98 फीसदी लोग खुश हैं क्यू कि नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओंं के माध्यम से हर घर से वसूली की जाती थी। एक दो फीसदी लोग दुखी भी दिख रहे हैं और ये शायद वो लोग हैं जो नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओंं के बहाने अपना घर भरते थे। आप एक पिता हैं तो जरा गौर से सोंचें कि आपके मासूम बच्चे के कंधे पर असमय भारी बोझ बस्ते के रूप में लाद दिया जाता था। बेचारे मासूम भारी बैग मजबूरन उठाते थे। जिस वक्त आपके बच्चे आपके पास रहने चाहिए थे आपके प्यार की जरूरत उन्हें थी उस वक्त मजबूरन आप उन्हें नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओंं में भेजते थे। भारी बैग उठाने के कारण उनकी  कमर झुक जाती थी। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने भी कहा है कि बच्चो की भलाई के लिए ऐसा फैसला लिया गया है। अब देखना है कि सरकार शिक्षा माफियाओं के आगे घुटने टेकती है या अपने फैसले पर अडिग रहती है। 
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ का प्रेस नोट पढ़ें देखें कैसे दुखी हैं ये वसूलकर्ता लोग 

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने शिक्षा विभाग द्वारा मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2019-20 के बीच के समय में ही नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओंं को तुंरत प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी करने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू, संरक्षक तेलूराम रामायणवाला, प्रांतीय वरिष्ठ उपप्रधान संजय धत्तरवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष रामकुमार भाक्कर, महासचिव रणधीर पूनिया, प्रदेश प्रवक्ता विनय वर्मा, प्रदेश कानूनी सलाहकार गौरव भुटानी, महासचिव पवन राणा व अशोक रोहतक ने इसे सरकार का एक तुगलकी फरमान करार दिया है।

उन्होंने कहा कि सरकार व विभाग द्वारा ऐसे आदेश जारी करना न तो बच्चों के भविष्य के लिए न्यायकारी है और न ही स्कूलों के लिए। उन्होंंने कहा कि सरकार की पॉलिसी में पहले से ही आठवीं, दसवीं व बारहवीं कक्षा तक की मान्यता का प्रावधान है, तो क्या बच्चे 5 वर्ष की आयु में स्कूल में प्रवेश करेंगे। ऐसे में 3 से 5 वर्ष तक के बच्चों को माता-पिता अपने घर पर कैसे रखकर शिक्षा दे पाएंगे। उन्होंने सरकार व विभाग से सवाल करते हुए कहा कि क्या सरकार के पास नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी के लाखों बच्चों के लिए ग्राम, ब्लाक व जिला स्तर पर आंगनवाडी में उचित व्यवस्था या इन बच्चों के लिए शिक्षकों की योग्यता का कोई प्रावधान रखा है। उन्होंने सरकार व विभाग पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि अगर सरकार व विभाग के पास ऐसे कोई प्रावधान नहीं है तो सरकार को ऐसे तुगलकी फरमान जारी कर लाखों नन्हे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए और स्कूलों को भी परेशान करने का काम नही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज तक हरियाणा सरकार की सरकारी स्कूलो और प्राईवेट स्कूलों के लिए नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी के लिए कोई भी नीति निर्धारित नहीं की गई और विभाग ने पोर्टल पर भी कक्षा एक से आठवीं, दसवीं व बारहवीं तक के बच्चों का ही डाटा डाला है और एसआरएन पर भी पहली कक्षा से ही लागू है। उक्त सभी बातों के बावजूद भी सरकार व विभाग द्वारा एकदम से ऐसा तुगलकी फरमान जारी करना सरकार की प्राइवेट स्कूलों के प्रति मंशा ठीक न होना है। उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि सरकार की प्राईवेट स्कूलों को तंग करने वाली मंशा ठीक नहीं है और इस मंशा को हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ कभी भी पूरा नहीं होने देगा, चाहे इसके लिए कोई भी आंदोलन क्यों न करना पडे। उन्होंने कहा कि सरकार अपने बुनियादी ढांचे को ठीक करने की बजाए शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा दे रहे प्राइवेट स्कूलों को परेशान करने व उनके कार्यो में अड़चन डालने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उक्त तीनों कक्षाओ को अवैध मानती है तो मान्यता देते हुए तीनों कक्षाओं को शामिल क्यों किया गया। उन्होंने कहा कि आज तक सरकार ने कोई भी निर्देश इस मामले बारे कभी जारी नही किए लेकिन सरकार द्वारा एकदम तीनो कक्षाओ को अवैध घोषित करना सरकार की गलती को दर्शाता है न की स्कूलों की गलती को।

 सरकारी स्कूलो में क्यो लगाई जा रही कक्षाएं
संघ नेताओं ने कहा कि अगर सरकार व विभाग नर्सरी कक्षाओ को अवैध मानती है तो सरकारी स्कूलों में कक्षाएं क्यों लगाई जा रही है। जबकि प्राइवेट स्कूलो में सरकार उक्त कक्षा के बच्चों को सरकारी सुविधाओं से भी वंचित रख रही है। उन्होंंने सरकार व विभाग को चेताते हुए कहा कि सरकार प्राइवेट स्कूलों के प्रति अपनी मंशा को स्पष्ट करे, अगर भविष्य में स्कूलो को परेशान करने का काम किया गया तो लाखों बच्चो के साथ हजारों स्कूल संचालक भी सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने का काम करेंगे।
तस्वीर- शिक्षा मंत्री हरियाणा 
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