नई दिल्ली: लगभग दो महीने बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। माना जा रहा है कि झारखण्ड विधानसभा चुनाव के एलान के साथ साथ जनवरी 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव करवाए जा सकते हैं। दो महीने का समय है इसलिए अब दिल्ली नगर निगम का चुनाव जीते भाजपा के कई पार्षद टिकट के जुआड़ में इधर उधर घूम रहे हैं। बड़े भाजपा नेताओं के घर सुबह शाम देखे जा रहे हैं लेकिन इस बार कामचोर पार्षदों को भाजपा विधानसभा में नहीं उतारेगी। दिल्ली भाजपा ने अपने पार्षदों पर नजर रखनी शुरू कर दी है। जनता किसके कामकाज से खुश है किसके कामकाज से नाराज है पूरा आंकड़ा जुटाया जा रहा है। दिल्ली भाजपा के पास फिलहाल कोई ख़ास मुद्दा नहीं है। भाजपा हाईकमान का 370 का हथियार हरियाणा में कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखा सका।
दिल्ली की बात करें तो सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के कामकाज से प्रदेश के अधिकतर लोग खुश दिख रहे हैं। कल हरियाणा अब तक ने कई क्षेत्रों का दौरा किया जहाँ लोगों का कहना था की सस्ती बिजली, मुफ्त पानी, स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अच्छा काम और दिल्ली के तमाम सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों से अच्छी शिक्षा मिल रही है और सरकारी स्कूलों में कई तरह के सुविधाएँ मुहैय्या करवाई गई हैं। लोग केजरीवाल के कामकाज से खुश दिख रहे हैं।
यहाँ भाजपा को सत्ता पाने के लिए बहुत पसीना बहाना पड़ेगा। लोकसभा चुनावों में यहाँ भाजपा को सभी सीटों पर जीत मिली थी और दिल्ली के लोगों की बात करें तो अधिकतर लोग अब भी मोदी को अच्छा प्रधानमंत्री मान रहे हैं लेकिन दिल्ली में केजरीवाल को अच्छा सीएम भी मान रहे हैं। जनता को सरकार बिजली पानी, सड़क शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में उसके मुताबिक़ सुविधाएँ मिलें। दिल्ली सरकार लगभग जनता की उन उम्मीदों पर खरी उतरी है और केजरीवाल ने हाल में बसों में भी महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा शुरू करवाया। लोग इससे भी खुश हैं। देखते हैं अब भाजपा किस मुद्दे पर दिल्ली सरकार को घेरती है। इस दो महीने ने केजरीवाल की जुबान न फिसली और उन्होंने मिशन दिल्ली का ही टारगेट रखा तो वो फिर दिल्ली की कुर्सी पर बैठ सकते हैं।
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