6 नवम्बर 2019 : हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में संविधान व लोकतंत्र की हत्या करने वाले भाजपाई संसद का संयुक्त सत्र बुलाकर संविधान दिवस मनाने की नौटंकी करके संविधान के नाम पर क्रूर मजाक कर रहे है। विद्रोही ने कहा कि मोदीजी को प्रधानमंत्री के रूप में संविधान दिवस मनाने व संविधान पर उपेदश झाडऩे का कोई नैतिक अधिकार नही है। महाराष्ट्र में आधी रात गुपचुप अंधेरे में फर्जीवाड़े से राष्ट्रपति शासन हटाना और भाजपा मुख्यमंत्री को शपथ दिलाना भारत के प्रजातांत्रिक इतिहास में कलंक दिवस के रूप में दर्ज हो चुका है। संविधान पर बड़ी-बड़ी बाते करने वाले मोदीजी को बताना चाहिए कि बिना केबिनेट बैठक रात के मुंह अंधेरे में प्रधानमंत्री की शक्तियों का दुरूपयोग करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हटाना संविधान का अपमान है या सम्मान?
विद्रोही ने राष्ट्रपति से जानना चाहा कि रात को उन्हे सोते उठाकर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर करने की क्या जल्दी थी और वहीं अब बिना केबिनेट की बैठक केवल प्रधानमंत्री की स्ंतुति पर कठपुतली की तरह हस्ताक्षर करके राष्ट्रपति शासन हटाने के बाद क्या उन्हे संवैद्यानिक प्रमुख के नाते संविधान, लोकतंत्र पर बोलने का नैतिक अधिकार बचा है? विद्रोही ने कहा कि मोदी-भाजपा सरकार ने विगत तीन सालों में ही गोवा, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, कर्नाटक में राज्यपाल पद व केन्द्र की सत्ता का दुरूपयोग करके अवैध तरीकों से भाजपा सरकारे बनाकर संविधान की हत्या की और रही-सही कसर अब महाराष्ट्र में पूरी कर दी। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने देश के नागरिकों से आग्रह किया कि यदि वे वास्तव में संविधान दिवस मनाना चाहते है और संविधान-लोकतंत्र की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है तो देश को फासीजम से बचाने वे शपथ ले कि तब तक सडक़ों पर आंदोलन करते रहेंगे, जब तक फासिस्ट मोदी-भाजपा सरकार को सत्ता से उखाडक़र अरब सागर में दफना नही देते।
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