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हाईजैक हो चुका JNU, छात्रों के कंधे पर बन्दूक रख सरकार पर निशाना साधते हैं कुछ लोग 

JNU-Students-Protest
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

नई दिल्ली: कल दिल्ली में जो कुछ हो रहा था उसे हम आपको लाइव दिखा रहे थे। कैसे जेएनयू के छात्र बेरीकेटिंग तोड़ रहे थे। कैसे महिला पुलिसकर्मियों को धक्का दिया जा रहा था। शुरुआत में पुलिस ने काफी सब्र किया और प्रदर्शन करने वालों को समझाने का पूरा प्रयास किया। धारा 144 की धज्जियाँ उड़ा छात्र कई बेरीकेटिंग तोड़ आगे बढ़ रहे थे। संसद सत्र चल रहा था और तीन से चार हजार छात्र अगर संसद पहुँच जाते तो कुछ गड़बड़ हो सकता था। प्रदर्शन के शुरुआत में जेएनयू के सभी छात्र संगठन साथ थे लेकिन जब लेफ्ट के छात्र ज्यादा बवाल करने लगे तो अन्य संगठनों के छात्र वहां से किनारा कर लिए। छात्र आख़िरी बेरीकेटिंग तोड़ने का प्रयास कर रहे थे लेकिन उस समय उन्हें हिरासत में लिया जाने लगा। महिला पुलिसकर्मियों ने जमकर मोर्चा संभाला लेकिन छात्र ज्यादा उग्र थे इसलिए पैरामिलिट्री फ़ोर्स के जवान भी मौके पर डट गए। एक ट्वीट में समझें प्रदर्शन का कारण, खबर आगे जारी है। 
इसके बाद तमाम छात्र पुलिस को चकमा देकर नई दिल्ली स्थित अरबिंदो मार्ग, सफदरजंग मकबरे तक पहुंच गए। यहां से छात्रों ने आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने बल प्रयोग कर दिया। कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए तो कई छात्रों को भी चोटें आई और आज कुछ छात्र फिर प्रदर्शन कर सकते हैं क्यू कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और लेफ्ट का उन्हें साथ मिल रहा है। सोशल मीडिया पर घायल छात्रों की तस्वीरें पोस्ट की जा रहीं हैं लेकिन मजे की बात यह देखी जा रही है कि अधिकतर लोग छात्रों का समर्थन नहीं कर रहे हैं।
उनके जख्म देख मजे ले रहे हैं। आम आदमी पार्टी के नेता एवं राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने लिखा है कि युवाओं छात्रों से इतनी नफ़रत ये हैं शशीभूषण पांडेय एक नेत्रहीन JNU का छात्र किस बर्बरता से दिल्ली पुलिस ने इनको पीटा है आप खुद देखिये। उन्होंने तस्वीर भी पोस्ट की है। संजय सिंह को जबाब मिल रहा है कि नेत्रहीन छात्र प्रोटेस्ट करने वहां तक कैसे पहुँच गया। कुछ कमेंट्स

ऊपर कमेंट्स आपने पढ़ा होगा लोग लिख रहे हैं संजय सिंह जी कम पिटाई हुई है। ऐसे लोग क्यू लिख रहे हैं। लोग जेएनयू के छात्रों से क्यू नाराज हैं कुछ न कुछ कारण तो है ही और जहाँ हमारा मानना है कि जेएनयू को कुछ लोगों ने हाईजैक कर  रखा है जिनमे  टुकड़े-टुकड़े गैंग. वामपंथी लेखक. कांग्रेस और वामपंथी दल,  वामपंथी छात्र संगठन और  विदेशी फंडिंग से चलने वाले NGO प्रमुख हैं। ये चाहते हैं कि छात्र हमेशा सरकार के खिलाफ रहें।

जेएनयू के छात्रों से देख के लोग इसलिए नाराज हैं क्यू कि यहाँ 11 नवंबर 2019: महिला प्रोफेसर से बदसलूकी, बंधक बनाने की कोशिश की गई थी। 14 नवंबर, 2019 को  संस्कृति के महानायक स्वामी विवेकानंद का अपमान  किया गया था और अपशब्द लिखे गए थे। फरवरी, 2016 में यहाँ  आतंकी अफ़ज़ल के समर्थन में देश विरोधी नारे लगाए थे। 26 जनवरी, 2015 को यहाँ  नक्शे में कश्मीर को भारत से अलग देश दिखाया गया था और अक्टूबर 2011 को  महिषासुर दिवस मना, मां दुर्गा के ख़िलाफ़ अपशब्द कहे गए थे। यही नहीं 2010 में  दंतेवाड़ा में जवानों की शहादत पर उत्सव मनाया गयाक कर रखा है और सरकार के खिलाफ वहां के छात्रों का इस्तेमाल किया गया था।
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