फरीदाबाद। फरीदाबाद में नगर निगम कमिश्रर कैंप आफिस को लेकर पूर्व कमिश्रर अनिता यादव व मौजूदा कमिश्रर सोनल गोयल के बीच चले हाईप्रोफाईल विवाद में आज नया मोड आ गया। यह मामला अब हरियाणा के मुख्य सचिव की टेबल पर पहुंंच गया है। पूर्व निगम कमिश्रर अनीता यादव द्वारा किए गए कथित अभद्र व्यवहार के बावजूद मौजूदा कमिश्रर सोनल गोयल ने मामले को एक सभ्य व सूझबूझ वाले अधिकारी का परिचय देते हुए एक दायरे में रहकर ही पत्राचार के माध्यम से ही निपटाने की पहल की है। कमिश्रर सोनल गोयल ने इस पूरे प्रकरण को हरियाणा के मुख्य सचिव से लेकर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराते हुए अपना पक्ष रख दिया है।
मुख्य सचिव को लिखे पत्र में मौजूदा निगम कमिश्रर सोनल गोयल ने कहा है कि दिनांक 16 सितंबर को उन्होंने निगम कमिश्रर का चार्ज संभालते के बाद पूर्व कमिश्रर अनीता यादव को एक पत्र लिखकर उनसे अगले 15-20 दिनों तक नगर निगम के सरकारी आवास को खाली करने की रिक्वेस्ट की थी। उसके उपरांत दिनांक 17 सितंबर को नगर निगम के कैंप आफिस के पीए अशोक कुमार का निगम कमिश्रर सोनल गोयल का फोन व मैसेज आया कि निगम के कैंप आफिस को पूरी तरह से क्लीन कर दिया गया है तथा यह आफिस अब आपके द्वारा इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है तथा आप इसे यूज कर सकती हैं। इसी बीच दिनांक 19 सिंतबर को हरियाणा सरकार ने अनिता यादव की नियुक्ति एफएमडीए की एडिशनल सीईओ के पद पर कर दी। वहीं कैंप आफिस के पीए अशोक द्वारा मैसेज करने के बाद कमिश्रर सोनल गोयल 19 सितंबर की सांय 3 बजे कैंप आफिस पहुंच गई तथा सरकारी कार्य निपटाने लगी।
इस मामले की जानकारी पूर्व कमिश्रर अनिता यादव को लग गई तथा वह पूरी तरह से भडक गईं और उन्होंने सोनल गोयल को फोन किया। सोनल गोयल उस वक्त बिजी थीं जिसके चलते वह फोन नहीं उठा पाई और बिना पांच मिनट तक का भी इंतजार किए अनिता यादव ने कैंप ऑफिस के पीए अशोक कुमार को फोन कर सोनल गोयल से बात करने को कहा। इस बीच अनिता यादव ने सोनल गोयल को अभद्र भाषा का प्रयोग कर एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की मर्यादा को पार कर दिया और तुरन्त आफिस को खाली करने की धमकी देते हुए देख लेने की भी चेतावनी भी दी। अनिता यादव ने कहा कि अब वह नगर निगम के इस कैंप आफिस को एफएमडीए के आफिस के तौर पर इस्तेमाल करेंगी। इस पर निगम कमिश्रर सोनल गोयल ने कहा कि आपको सभ्य भाषा का प्रयोग करना चाहिए और रही बात कैंप आफिस की तो यह नगर निगम का कैंप आफिस है और हरियाणा सरकार का लिखित आदेश ही तय करेगा कि नगर निगम के कैंप आफिस को एफएमडीए के आफिस के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। अनिता यादव यहीं नहीं रूकी और उन्होंने इस मामले को लेकर फरीदाबाद के पुलिस कमिश्रर को फोन कर नगर निगम कमिश्रर के तौर पर उन्हें मिले सरकारी आवास पर जबरन कब्जा करने का मुकदमा दर्ज करने की बात कही वहीं उन्होंने हरियाणा के मुख्य सचिव को भी लिखित में दिया।
मालूम हो कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के सख्त आदेश के बाद दिनांक 14 सितंबर 2019 को नगर निगम की कमिश्नर अनिता यादव का तबादला कर उन्हें चंडीगढ स्थित एक विभाग का डायरेक्टर नियुक्त कर दिया था तथा आईएएस अधिकारी सोनल गोयल को फरीदाबाद नगर निगम का कमिश्रर नियुक्त कर दिया। एनजीटी के चेयरमैन न्यायधीश आर्दश कुमार गोयल, न्यायधीश के रामकृष्णण एवं सदस्य डॉ. नंदा की खंडपीठ ने हरियाणा के मुख्य सचिव को सख्त लहजे में लिखते हुए कहा था कि फरीदाबाद नगर निगम की कमिश्रर अनिता यादव नगर निगम के कमिश्रर के पद पर कार्य करने योगय नहीं है तथा तुरन्त प्रभाव से इसका तबादला कर किसी योगय अधिकारी को कमिश्रर लगाया तथा ऐसी व्यवस्था की जाए कि अनीता यादव ऐसे किसी पद पर पुन विराजमान न हो जिससे कि पर्यावरण बर्बाद न हो जिसके बाद आनन-फानन में ही हरियाणा सरकार ने अनीता यादव को कमिश्रर के पद से हटाकर सोनल गोयल को कमिश्रर बनाया था।
अब इस मामले में दिलचश्प पहलू यह है कि नगर निगम की पूर्व कमिश्रर अनिता यादव आखिर नगर निगम के इसी आवास पर कैंप आफिस को अपनी जागीर क्यों समझ रहीं हैं जबकि यह तो पदेन सरकारी आवास है। जो निगम के कमिश्रर के पर पर नियुक्त रहेगा उसी को यह मकान अलाट रहता है। और यह भी ध्यान देने योगय है कि एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दूसरी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को निगम कमिश्रर के पद पर क्यों नहीं पचा पा रही हैं यह चर्चा का विषय बना हुआ है। रहीं बात व्यवहार की तो क्या कमिश्रर के पद से हाटाए जाने के बाद अनीता यादव इतनी खफा हैं कि वह एक आईएस अधिकारी की मर्यादा को भी भूल गई। लोगों में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या एक आईएएस अधिकारी को दूसरी महिला आईएएस अधिकारी के खिलाफ इस छोटे से मामले को पुलिस कमिश्रर से मुकदमा दर्ज करने की बात कहना उचित है। क्या यह सरकार की बदनामी नहीं है?
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