फरीदाबाद: फरीदाबाद में उपभोक्त फोरम में लगभग हजारों केस विचाराधीन हैं जिसमें कई एग्जीक्यूषन के भी केस है । सरकार की लापरवाही की वजह से हजारों उपभोक्ता और वकील परेशान हो रहे हैं। सरकार की स्कीम तो बताने के लिए बढिया होती है, लेकिन घरातल पर अमल में लाई जाये तभी तो जनता को न्याय मिलेगा । उपभोक्ता वैसे भी परेषान होकर उपभोक्ता फोरम की शरण में आते हैं और यहॉं उपभोक्ता फोरम पूरा ना होने की वजह से उन्हें बार-बार तारीख पे तारीख मिलती है । उपभोक्ता फोरम पूरा ना होने की वजह से कई-कई महीनों की तारीखें लगती है । इसी तरह से हर जिला में परमानेन्ट लोक अदालत है । हमारे यहॉं भी लोक अदालत है जिसमें लगभग 1500 से भी ज्यादा केस हैं उसमें भी काफी दिनों से मेम्बर नहीं थे जिसकी वजह से जनता धक्के खा रही थी ।
बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष और न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर ने कहा कि सरकार ने फोरम तो पूरा कर दिया परन्तु केसों के हिसाब से स्टॉफ अभी भी पूरा नहीं है । जिस वजह से न्याय मिलने में देरी होती है । जनता इन दोनों अदालतों की शरण में अपनी परेषानी दूर करने के लिए आते हैं । बदले में उन्हें धक्का खाना पड़ता है इस वजह से लिटिगेषन के साथ-साथ वकीलो को भी परेषानी का सामना करना पड़ता है । कहने को तो उपभोक्ता फोरम में तीन महीने में केस निर्णित करने का प्रावधान है परन्तु फोरम का स्टॉफ पूरा ना होने की वजह से एक ही केस में तीन-तीन महीने की तारीखें लगती है । जिससे जनता व वकील दोनों को परेषान होती है । सुप्रीम कोर्ट का भी कहना है कि न्याय में देरी का मतलब न्याय ना मिलना ।
एडवोकेट पाराशर ने इस मामले को लेकर माननीय मुख्य न्यायाधीष पंजाब एंव हरियाणा, चण्ड़ीगढ़, महोदय, मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर मॉंग की है कि जल्द से जल्द फरीदाबाद न्यायालय के उपभोक्ता फोरम को पूरा कराया जाये जिससे कि आम जनता और वकीलों की परेषानी दूर हो और उपभोक्ताओं को जल्द से जल्द न्याय मिल सके ।
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