फरीदाबाद: देश की तमाम जर्जर इमारतें मानसून सीजन में ढह रही हैं जिनमे अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन सरकारें अब भी सो रहीं हैं खासकर हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा तो पूरी तरफ से गहरी नींद में सोये हुए हैं। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर का जिन्होंने कहा कि लगभग एक साल पहले मैंने मीडिया के माध्यम से शिक्षा मंत्री को फरीदाबाद स्थित एक मौत के स्कूल की जानकारी दी थी जहाँ कभी भी स्कूल की बिल्डिंग गिर सकती है और स्कूल में पढ़ रहे छात्रों की जान जा सकती है। पाराशर ने कहा कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेहतपुर की जर्जर इमारत के बारे में जब मैंने आवाज उठाया तो शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने स्कूल की मरम्मत के लिए 30 लाख रूपये देने की बात कही लेकिन 8 महीने से ज्यादा हो गए, शिक्षा मंत्री के 30 लाख रूपये अब तक स्कूल में नहीं पहुंचे।
पाराशर ने कहा कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेहतपुर में करीब 9 साल पहले एक बिल्डिंग तैयार की गई थी। बिल्डिंग में बेहतर गुणवत्ता निर्माण सामग्री का प्रयोग नहीं किया गया है। यहाँ कंस्ट्रक्शन व शिक्षा विभाग के लोगों ने बड़ी लापरवाही की थी जो कभी भी विद्यार्थियों पर भारी पड़ सकती है, क्योंकि बनाए गए कमरों की छत व दीवारों से प्लास्टर गिरने की कगार पर है। दीवारों में जगह-जगह दरार पड़ गईं हैं।
वकील पाराशर ने बताया कि ये जिले का सबसे बड़ा सरकारी स्कूल है और इसमें लगभग ढाई हजार छात्र छात्राएं पढ़ते हैं और स्कूल की पुरानी ही नहीं नई बिल्डिंग भी जर्जर हो गई है और नई बिल्डिंग में भी दरारें पड़ गईं हैं और नई इमारत की दीवारें, खिड़किया भी टूटने लगीं हैं। वकील पाराशर ने बताया कि स्कूल की पुरानी और नई इमारत दोनों के निर्माण में बड़ा घोटाला हुआ है और स्कूल की इस इमारत में भी घटिया मैटेरियल लगा है। उन्होंने कहा कि लगभग 8 महीने पहले जब मैंने आवाज उठाया था तब शिक्षा मंत्री ने 30 लाख रूपये पास करने की बात कही थी लेकिन स्कूल में अब तक वो पैसे नहीं पहुंचे हैं जिसे देख लगता है कि शिक्षा मंत्री ने भी झूंठ बोला था।
पाराशर ने कहा कि हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद् से ने इस स्कूल को 24 जुलाई 2019 को इस स्कूल की ईमारत को अनसेफ इमारत घोषित कर चुका है लेकिन अब भी मजबूरी वश इसमें छात्र पढ़ रहे हैं। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस स्कूल की इमारत की हालत दिन प्रतिदिन ख़राब होती जा रही है।
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