चंडीगढ़: साध्वियों से रेप के आरोप में जेल में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम ने हरियाणा सरकार को फिर टेंशन दे दिया है। राम रहीम ने 42 दिन का पेरोल माँगा है और कहा है कि मुख्य कृषि सम्बन्धी कार्य करना है। रोहतक की सुनारिया जेल प्रशासन ने डेरा प्रमुख के पक्ष की सिफारिश की है। जेल अधिकारीयों का कहना है कि राम रहीम का आचरण अब ठीक हो चुका है। हरियाणा सरकार कोई खतरा मोल लेने के मूड में नहीं दिख रही है।
सरकार को लगता है कि राम रहीम के बाहर निकलते ही उसके समर्थक डेरा पहुँच जायेंगे और वो डेरा सच्चा सौदा में फिर जान फूंक सकता है। अगर बाबा के समर्थक डेरा पहुंचे तो हालात बिगड़ सकते हैं और हरियाणा में जल्द विधानसभा चुनाव हैं इसलिए सरकार हर कदम फूंक फूंक कर रखना चाह रही है।
जेल प्रशासन ने सिरसा के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर इस मामले में उनकी राय मांगी है।रोहतक की सुनारिया जेल के अधीक्षक की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि गुरमीत राम रहीेम सिंह सजायाफ्ता है और जेल में बंद है। पत्र में कहा गया है कि सीबीआइ कोर्ट द्वारा उनके विरुद्ध 12 दिसंबर 2002 को दर्ज केस में सजा सुनाई गई है और जुर्माना भी किया गया है। उसे दस-दस साल की दो सजा काटनी है। इसके अलावा एक अन्य केस में भी उन्हें आजीवन कारावास व जुर्माना हो रखा है। इसके साथ ही पंचकूला कोर्ट में दो अन्य केस भी विचाराधीन हैं। अब उसने पैरोल मांगा है।
राम रहीम इससे पहले 2018 के अंत में भी पेरोल मांग चुका है जब उसने कहा था कि गोद ली हुई बेटी की शादी में जाना है लेकिन उस समय उसे पेरोल नहीं मिली थी। सरकार को ये भी लगता है कि पेरोल पर आकर बाबा कहीं फुर्र न जाये और किसी ऐसे देश में भाग जाए जहाँ से वापस लाना मुमकिन न हो।
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