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भेड़, बकरी, सूअर का 25, गाय, भैंस का 100 रुपये, हरियाणा में 10 लाख मवेशियों का होगा बीमा

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चंडीगढ़, 13 जून- राष्ट्रीय लाइव स्टाक मिशन के माध्यम से पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के तहत इस वित्त वर्ष के दौरान 10 लाख मवेशियों का बीमा करवाया जाएगा, जिसके बाद प्रदेश पूरे देश में सबसे ज्यादा मवेशियों को स्वास्थ्य एवं जीवन संरक्षण देने वाला राज्य बन जाएगा। विभाग के साथ-साथ अब पशुपालकों का रूझान भी योजना में बढऩे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अप्रैल, 2019 से अब तक महज ढ़ाई महीने में एक लाख मवेशियों का बीमा हो चुका है।

केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा कृषि एवं इससे सहायक गतिविधियों में भी किसानों के साथ-साथ पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए उनके मवेशियों को जोखिम फ्री करने की रणनीति बनाई गई। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक बीमा योजना के तहत जहां अनुसूचित जाति के पशुपालकों के शत-प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जा रहा है, वहीं अन्य लाभार्थियों को बड़े पशु गाय, भैंस के लिए 100 रुपये प्रति पशु तथा छोटे पशु भेड़, बकरी व सूअर के लिए 25 रुपये प्रति पशु में एक साल का बीमा किया जा रहा है। पशुपालकों के मवेशियों को जोखिम मुक्त करने की इस योजना के लिए अप्रैल 2019 से पूरे प्रदेश में 10 लाख मवेशियों का बीमा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अब तक एक लाख मवेशियों का बीमा किया जा चुका है।

मवेशी की आकस्मिक मृत्यु, दुर्घटना में मृत्यु, बिमारी से मृत्यु, करंट, जहरीले जीव से काटने, बाढ़, आग आदि की चपेट में आने से होने वाली मृत्यु की स्थिति में पशुपालक को अधिकतम 86 हजार रुपये तक के मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से अनुसूचित जाति के पशुपालकों को 5 मवेशियों का निशुल्क बीमा, अन्य पशुपालकों को 5 मवेशियों तक 100 रूपए प्रति पशु का भुगतान ही किया जाएगा।
पशुपालन मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल से पूर्व सालाना केवल 50 से 60 हजार तक मवेशियों का ही बीमा होता था तथा उसमें भी शर्तों को पूरा करना पशुपालकों के लिए कठिनाई भरा काम था। लेकिन वर्तमान योजना के तहत अब तक एक लाख मवेशियों का बीमा किया जा चुका है और 10 लाख मवेशियों का बीमा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा एक ऐप्लिकेशन बनाई जा रही है, जिस पर सभी पशुपालकों के मवेशी की जानकारी अपडेट की जाएगी। इससे पशुपालक अपनी जरूरत अनुसार मवेशी की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। हाल ही में रेवाड़ी में 5 मवेशियों की मृत्यु हुई थी, जिनका पशुपालकों द्वारा बीमा करवाया गया था और उन्हें इसका मुआवजा दिया गया। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को अपने नजदीकी पशुचिकित्सालय तक पहुंचकर अपना पंजीकरण कराने की सूचना देनी है, जिसके बाद विभाग की टीमें बीमा प्रक्रिया पूरी करती हैं। उन्होंने कहा कि इससे न केवल पशुपालन को बढ़ावा मिल रहा है, अपितु जोखिम की चिंता से भी किसानों को निजात भी मिली है।
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