केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत किसानों को प्रत्येक वर्ष 6,000 रुपये की नकद सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे कृषि संबंधित आवश्यकताओं को पूरा कर सकें और आर्थिक रूप से सशक्त बनें।
उन्होंने बताया कि यह दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजना है और अब तक 19 किस्तों के माध्यम से 3.69 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों को हस्तांतरित की जा चुकी है। हरियाणा राज्य के 16,09,822 किसानों को 349.76 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जिसमें जिला फरीदाबाद के लगभग 18000 किसानों को हस्तांतरित हुई है।
उन्होंने बताया कि इस बार की किस्त में 2.26 करोड़ से अधिक महिला लाभार्थियों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि किसानों की सहायता के लिए केंद्र सरकार द्वारा आवाज़-आधारित एआई चैटबॉट 'किसान- ई मित्र' की शुरुआत की गई है, जिसने अब तक 53 लाख किसानों के 95 लाख से अधिक प्रश्नों का समाधान किया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013-14 में कृषि बजट ₹21,933.50 करोड़ था, जो 2025-26 में बढ़कर ₹1,27,202.29 करोड़ हो गया है।
उच्च उपज देने वाली किस्मों की संख्या 1,390 से बढ़कर 2,900, जलवायु-प्रतिरोधी बीजों की संख्या 811 से 2,661, और जैव-प्रबलित बीजों की संख्या 3 से 144 हो गई है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करते हुए उन्होंने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन योजना (सीआरएम) के अंतर्गत अब तक ₹3,698.45 करोड़ की राशि आवंटित की गई है, जिसके परिणामस्वरूप पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में 57.03% की कमी दर्ज की गई है।
उन्होंने ने बताया कि धान की खरीद 1.5 गुना, गेहूं की 1.4 गुना, दालों की 27 गुना और तिलहन की खरीद में 136% तक बढ़ोतरी हुई है। किसानों को बेहतर बाजार सुविधा देने के लिए सरकार द्वारा ई-नाम प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई है, जिसके तहत अब तक 1,522 मंडियों को एकीकृत किया जा चुका है। इससे ₹4.29 लाख करोड़ का पारदर्शी लेन-देन संभव हुआ है।
उन्होंने बताया कि बिहार के जीआई-टैग प्राप्त मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन व मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए 'मखाना बोर्ड' की स्थापना की गई है। किसानों की सुविधा हेतु एक महत्वपूर्ण डिजिटल पहल के तहत पोर्टल पर "अपनी स्थिति जानें" (KYS) सुविधा शुरू की गई है, जिससे किसान भुगतान, पात्रता, आधार लिंकिंग, भूमि सीडिंग और ई-केवाईसी की स्थिति एक क्लिक में देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के लिए जनकल्याण सर्वोपरि है।
बीते 11 वर्षों में सरकार ने न केवल किसानों, बल्कि समाज के अंतिम पायदान पर बैठे हर व्यक्ति — चाहे वह महिला हो या पुरुष के जीवन को बेहतर बनाने हेतु अनेक ऐतिहासिक कार्य किए हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि भारत आज दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से छलांग लगाकर चौथे स्थान पर पहुँच चुका है और बहुत जल्द तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के लिए जनकल्याण सर्वोपरि है। बीते 11 वर्षों में सरकार ने न केवल किसानों, बल्कि समाज के अंतिम पायदान पर बैठे हर व्यक्ति — चाहे वह महिला हो या पुरुष — के जीवन को बेहतर बनाने हेतु अनेक ऐतिहासिक कार्य किए हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि भारत आज दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से छलांग लगाकर चौथे स्थान पर पहुँच चुका है और बहुत जल्द तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
पीएम मोदी का विजन और योजनाएं बना रही हैं भारत को आत्मनिर्भर और विकसित :
हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20 वीं किश्त डायरेक्ट बेनीफिट ट्रान्सफर (D.B.T) के माध्यम जारी की गयी है। उन्होंने किसानो को मुबारकबाद देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृषणपाल को भी धन्यवाद देता चाहता हूँ आज इतनी बड़ी सौगात 20 वी किश्त के रूप में किसानो को दी है।
उन्होंने कहा कि जिस वर्ष किसान सम्मान निधि शुरू किया तो विपक्षी थे कि चुनाव के बाद बंद कर दिया जाएगा। लेकिन आज 20 वीं किश्त निर्विवाद और निर्भय रूप से किसानों के खाते में पहुंचाने का काम किया है और आगे भी यह सौगात किसानों को मिलती रहेगी। उन्होंने कहा कि लोकल फॉर वोकल के लिए जो बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही है वो हम सबके छोटे से प्रयास से देश की दिशा और दशा बदल सकते है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 में एक विकसित भारत बनाने का जो संकल्प लिया इस संकल्प को हम अपने जीवन में अपनाकर इस संकल्प की पूर्ति के साथ साथ विकसित भारत के संकल्प को 2047 से पहले पूरा कर सकते है।
कार्यक्रम में एडीसी सतबीर मान, सीईओ जिला परिषद शिखा, एसडीएम बल्लभगढ़ मयंक भारद्वाज, कृषि विज्ञान केंद्र अधिकारी डॉ राजेंद्र कुमार, डॉ अनिल सहरावत सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारीगण और लाभार्थी किसान उपस्थित रहे।
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