एडीसी सतबीर मान ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन सुनिश्चित करें और जिन मामलों में पूर्व में एनजीटी द्वारा आदेश दिए गए हैं, उनकी अनुपालना प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए।
समीक्षा के दौरान यह अवगत कराया गया कि नहर पार क्षेत्र में पूर्व में अवैध रूप से संचालित की जा रही फैक्ट्रियों की शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इन शिकायतों के आधार पर प्रशासन द्वारा सघन जांच अभियान चलाया गया और एनजीटी के नियामुसार सभी अनधिकृत फैक्ट्रियों पर ठोस कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदूषित जल के स्रोतों की पहचान कर संबंधित विभागों को समन्वय के साथ त्वरित व प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एफएमडीए), सिंचाई विभाग तथा नगर निगम (एमसीएफ) संयुक्त रूप से एक टीम का गठन करें और ताकि प्रदूषित जल के सीधे प्रवाह को रोका जा सके। एडीसी ने संबंधित विभागों से अपेक्षा की कि वे यमुना में गंदगी और प्रदूषण के स्रोतों की स्पष्ट पहचान कर आवश्यकतानुसार सुधारात्मक कदम उठाएं।
गौशालाओं के प्रबंधन में तेजी लाने के निर्देश
एडीसी सतबीर मान ने गौशालाओं की वर्तमान क्षमता, संसाधनों, पशुओं की संख्या और उपलब्ध सुविधाओं की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी गौशालाओं में पशुओं के लिए समुचित मात्रा में चारा, स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा सेवाएं तथा स्वच्छता व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। एडीसी ने कहा कि गौशालाएं केवल पशु रखने का स्थान न रहकर एक संरचित एवं सुव्यवस्थित प्रणाली के रूप में संचालित हों, इसके लिए ठोस कार्य योजना तैयार की जाए।
उन्होंने जिला में आवारा पशुओं की पहचान कर उन्हें चरणबद्ध तरीके से गौशालाओं में लाने की प्रक्रिया को तेज करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि नगर निगम में जो 24 गाव शामिल किए गए है उनमें भी गौशाला बनाने के विकल्पों को तलाशा जाए।
बैठक में एसडीएम बड़खल त्रिलोक चंद, एसडीएम बल्लभगढ़ मयंक भारद्वाज सहित सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।
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