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राज्य-चिह्न का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई : DC

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पलवल, 22 जुलाई। उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने आम नागरिकों से भारत के राज्य-चिह्न, जो भारत सरकार की आधिकारिक मुहर है, का दुरुपयोग न करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि गृह विभाग हरियाणा की ओर से विशेष रूप से निजी वाहनों, लेटरहेड और साइन बोर्ड पर इस चिह्न के अनधिकृत प्रदर्शन के विरुद्ध चेतावनी दी गई है और इस बात पर जोर दिया है कि ऐसा कृत्य कानून का गंभीर उल्लंघन है और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।

उपायुक्त ने बताया कि गृह विभाग हरियाणा के निर्देशानुसार भारत का राज्य चिन्ह सारनाथ स्थित अशोक के सिंह-स्तंभ का एक रूपांतर है। इस प्रतीक चिह्न का उपयोग भारत के राज्य प्रतीक चिन्ह (अनुचित प्रयोग निषेध) अधिनियम, 2005 और (प्रयोग विनियमन) नियम, 2007 द्वारा नियंत्रित होता है, जिसमें 2010 में संशोधन किया गया है। 

उन्होंने बताया कि ये कानून भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से अधिकृत न किए गए व्यक्तियों या संगठनों द्वारा इसके उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगाते हैं। यह प्रतीक चिह्न व्यक्तिगत पहचान, सामाजिक स्थिति या प्रभाव का प्रतीक नहीं है। 

यह केवल संवैधानिक प्राधिकारियों और सरकारी विभागों के लिए आरक्षित है, जहां कानून द्वारा अनुमति प्राप्त है। उन्होंने कहा कि 2005 के अधिनियम और 2007 के नियमों के तहत अनधिकृत उपयोग दंडनीय है, जिसमें भारी जुर्माने और कानूनी कार्यवाही के प्रावधान शामिल हैं।

उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी निर्देशों का हवाला देते हुए बताया कि हरियाणा सरकार ने प्रतीक चिन्ह, राष्ट्रीय प्रतीकों, मुहरों और झंडों के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति शुरू की गई है। 

इसमें स्कूलों, कॉलेजों और लॉ कॉलेजों में जन जागरूकता अभियान चलाकर नागरिकों को प्रतीक चिह्न के कानूनी और संवैधानिक महत्व के बारे में शिक्षित करना शामिल है। यातायात पुलिस को वाहनों पर प्रतीक चिह्न के दुरुपयोग की पहचान करने और तत्काल दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

उपायुक्त ने विभागों को निर्देश दिए कि वे आम जनता को प्रतीक चिह्न के उपयोग से संबंधित कानूनी प्रावधानों के बारे में जागरूक करें और जानकारी दें। सरकार दुरुपयोग की रिपोर्ट से तुरंत निपटने के लिए शिकायत निवारण प्लेटफ़ॉर्म और हेल्पलाइन स्थापित करने पर भी काम कर रही है। इसके अतिरिक्त, सरकार राज्य-चिह्न के दुरुपयोग को रोकने के लिए और अधिक नियामक उपाय तैयार करने की प्रक्रिया में है। 

उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावित कदमों में अधिक जुर्माना लगाना, त्वरित अभियोजन और सार्वजनिक एवं सरकारी स्थानों पर नियमित निरीक्षण अभियान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि प्रतीक चिह्न राष्ट्र की संवैधानिक गरिमा का प्रतिनिधित्व करता है। 

व्यक्तिगत प्रदर्शन के लिए इसका दुरुपयोग न केवल अवैध है, बल्कि उन मूल्यों का भी अपमान करता है जिनका यह प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने सभी नागरिकों से जिम्मेदारी से कार्य करने, कानूनी सीमाओं के प्रति जागरूक रहने और राष्ट्र के आधिकारिक प्रतीकों की पवित्रता की रक्षा में सहयोग करने का आग्रह किया है।

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