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उद्योगों में वित्तीय संसाधनों को बेहतर बनाने के लिए दीर्घकालिक नीति जरूरी : राजीव चावला

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फरीदाबाद। प्रमुख औद्योगिक संगठन आईएमएसएमई आफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला ने वर्तमान परिवेश में उद्योगों में वित्तीय संसाधनों को बेहतर बनाने तथा इस संबंध में दीर्घकालिक कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है।

नई दिल्ली में प्रमुख औद्योगिक संगठन पीएचडी चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा रिवाईवल स्टैटेजिस एंड मेकिंग मनी फरोम स्टरैस्ड एसैस्ट विषय पर आयोजित एक सेमिनार के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए  चावला ने कहा कि कई बार यह देखा गया है कि हम वित्तीय संसाधनों की ओर ध्यान नहीं देते और बिना किसी उचित प्लानिंग के सिस्टम को व्यवस्थित करने का प्रयास करते हैं।

चावला के अनुसार इससे कुछ समय के लिये तो बेहतरी के संकेत मिलते हैं परंतु दीर्घकालिक रूप से उद्योग के समक्ष नाकारात्मक परिणाम सामने आते हैं।

स्टरैस्ड एसेस्ट व रिवाईवल स्टैटेजी पर विचार व्यक्त करते हुए श्री चावला ने कहा कि कई बार समस्याओं का समाधान हमारे इर्द-गिर्द ही होता है परंतु हम उसकी तरफ ध्यान न देते हुए अन्य विकल्पों पर ध्यान देते हैं जिससे उद्योग को नाकारात्मक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

चावला ने कहा कि कुछ परिस्थितियां ऐसी हैं जिन्हें नई स्टैटेजी के साथ नियंत्रित किया जा सकता है जबकि अन्य परिस्थितियों को नियंत्रित करना कठिन ही नहीं असंभव हो जाता है। सही प्लानिंग और व्यवस्था की आवश्यकता पर बल देते हुए चावला ने कहा कि इस संबंध में यदि हम नये निवेश, नये उपभोक्ता व विस्तार पर ध्यान दें तो उद्योग को गंभीर परिस्थितियों से बचाया जा सकता है। आपने कहा कि फयूचर ग्रोथ के लिये लोन्स की रि-स्ट्रक्चिंग, नये उपभोक्ता ऐेसे विकल्प बनकर सामने आते हैं जिससे उद्योग का वित्तीय प्रबंधन स्वयं ही प्रभावी बन जाता है। 

एसएमई सैक्टर के लिये नई कैपीटल और वित्तीय प्रबंधों को बेहतर बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए चावला ने कहा कि इससे फयूचर ग्रोथ के अवसरों में बढ़ौतरी होती है। नये लोन और पुराने लोन्स की रि-स्ट्रक्चिंग पर विशेष ध्यान देने की सिफारिश करते हुए चावला ने कहा कि वित्तीय साख को बनाए रखना बहुत जरूरी है।

पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा आयोजित सेमिनार पर सुखद प्रतिक्रिया व्यक्त करते श्री चावला ने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि ऐसे सेमिनार व कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किये जाएं ताकि एमएसएमई सैक्टर को नये परिवेश के अनुरूप सीखने का मौका मिल सके और उनमें वित्तीय प्रबंधन को बेहतर बनाने की जागरूकता आ सके।

चावला ने विश्वास व्यक्त किया कि पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा आयोजित सेमिनार के रचनात्मक परिणाम सामने आएंगे औ एमएसएमई सैक्टर विशेष रूप से लाभान्वित होगा।

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