फरीदाबाद : पाली-सोहना रोड़ स्थित ओम योग संस्थान में आयोजित वार्षिक समारोह में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं बडख़ल विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे विजय प्रताप सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। संस्था के फाउंडर अध्यक्ष योगीराज ओमप्रकाश महाराज ने मुख्य अतिथि का शॉल पहनाकर एवं बुके देकर स्वागत किया। कार्यक्रम में प्रेम सैनी, गुरूग्राम से खेल उपनिदेशक गिरर्राज सिंह, पूर्व पुलिस उपायुक्त दिल्ली एल एन राव, नोएडा से चौधरी बलराज एवं ऑल इंडिया स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप गुप्ता ने भी शिरकत की। वार्षिक समारोह में ओम योग संस्थान में सुंदर रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने अपनी सुंदर परफोरमेंस से आए हुए अतिथियों का मन मोह लिया। बच्चों ने सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम, देशभक्ति गीत एवं सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। विजय प्रताप ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों से प्रसन्न होकर जमकर तारीफ की और उनकी हौसलाफजाई की।
उन्होंने कहा कि जैसे हमारे आश्रम के गुरूजी हैं ऐसी सादगी और सहनशीलता बहुत कम देखने को मिलती है। ऐसी ही शिक्षा, संस्कृति एवं विचार यहां पढने वाले बच्चों को प्रदान किए जाते हैं। उनको शिक्षित करने के साथ-2 संस्कारवान एवं स्वस्थ बनाया जाता है। उन्होंने संस्थान को नए आयाम तक पहुंचाने में अहम योगदान निभाने वाले फाउंडर अध्यक्ष ओमप्रकाश महाराज की भूरि-भूरि प्रसंशा करते हुए कहा कि ओम योग संस्थान जल्द ही एक विश्वविद्यालय बनेगा और इसके लिए हम और आप सभी का सहयोग जरूरी है। बच्चों के प्रति उनका समर्पण एवं प्रयास अतुलनीय है। हमें उनसे प्रेरणा लेकर ऐसे सतकर्म के कार्यों में सहयोग करना चाहिए। वार्षिक समारोह के उपलक्ष्य में उन्होंने कहा कि पूरी संस्था इसमें सम्मिलित रहती है और उसमें दिखाया जाता है कि संस्था का कार्य किस प्रकार चल रहा है। जिसे देखकर आने वाले अभिभावक संस्थान के बारे में अपना आंकलन लगाते हैं।
वार्षिक समारोह को लेकर बच्चों की विशेष तैयारियां होती है और उनकी महीनों की मेहनत के बाद वह अपनी परफोरमेंस करते हैं, जिसे वह जीवन भर याद रखेंगे। इसलिए किसी भी संस्थान के लिए वार्षिक समारोह बहुत महत्वपूर्ण होता है। विजय प्रताप ने इस मौके पर एक कहावत के माध्यम से कहा कि ‘कल करै सो आज कर, आज करै सो अब, पल में प्रलय होयगी बहुरी करेगो कब’ यानि जो कल करना है उसे आज करो अभी करो शुभस्य शीघ्रम के सिद्धांत को यदि हम अपने जीवन में अपना लें, तो किसी को शायद पछताना ना पड़े। उन्होंने कहा कि ओम योग संस्थान विद्या का मंदिर है, यहां बच्चों को शिक्षा मिलती है, संस्कार मिलते हैं। संस्कार के साथ-2 स्वास्थ्य भी हासिल कर रहे हैं। उनके चेहरे पर ऊर्जा है, शक्ति है और पढ़ाई के साथ-साथ सभी प्रकार की गतिविधयों में बच्चों की भागीदारी हो रही है। यह संस्थान मूल्यों पर चल रहा है, संस्कारों पर चल रहा है। नन्हें-मुन्ने बच्चों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 21 हजार रुपए ईनाम स्वरूप दिए।
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