उन्होंने कहा कि इन विचारों को सत्संग शुद्ध करता है। सत्संग हमें अच्छे और बुरे की पहचान करवाता है। वहीं गुरुकृपा का भी माध्यम बनता है। लेकिन सत्संग को मन लगाकर सुनना होगा। ऐसा नहीं कि सत्संग मेंबैठे हैं लेकिन मन कहीं और लगा हुआ है।
ऐसे में सत्संग का अर्थ ही मन में नहीं बैठेगा। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने कहा कि सत्संग को एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल देने वाले जीवन भर अंधेरे में रहते हैं। ऐसे लोगों का सत्संग में जाना व्यर्थ हो जाता है। उन्होंने कहा कि सत्संग में जाओ तो उसे मन में बैठाओ। जो मिला है उसे गुणना होगा। तभी उसका कार्य होगा।
उन्होंने सभी से होली पर्व को आपसी सद्भाव के साथ मनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि होली पर आपसी मतभेद, मनभेदों को भुलाकर आगे की यात्रा शुरू करें। उन्होंने लोगों से कैमिकल रहित होली मनाने की भी अपील की। इस अवसर पर आश्रम में २६ अप्रैल को नामदान कार्यक्रम की घोषणा की गई वहीं फोर्टिस अस्पताल के सहयोग से २ अप्रैल को आश्रम में ही विशाल चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें अनेक जांच भी निशुल्क की जाएंगी।
इस अवसर पर जयपुर से आए प्रसिद्ध भजन गायक संजय पारिख, लोकेश शर्मा ने अपनी सुमधुर प्रस्तुतियों से लोगों का मन मोह लिया। वहीं दिल्ली से आए मधुबन आर्ट गु्रप के कलाकारों ने भी अपनी जोरदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। होली के पर्व पर हजारों भक्तों ने श्री गुरु महाराज से आशीर्वाद एवं प्रसाद प्रदान किया।
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