आज दिनांक 27 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने तारांकित प्रश्न संख्या 66, में सरकार से पूछा था कि नगर निगम, फरीदाबाद में बिना किसी कार्य के निष्पादन के रुपए 200 करोड की राशि के घोटाले के संबंध में (सी.ए.जी.) की रिपोर्ट दिनांक 31.03.2021 के पैरा 5.8 में उल्लेखित टिप्पणियां क्या है; तथा उन अधिकारियों के नाम क्या हैं जिन्होंने नगर निगम, फरीदाबाद में बिना किसी कार्य के रुपए 200 करोड़ के घोटाले का भुगतान किया तथा उनमें से उन अधिकारियों के नाम क्या हैं जिनके विरुद्ध जांच की जा रही है तथा शेष अधिकारियों के विरुद्ध जांच न करने के कारण क्या हैं तथा अधिकारी-वार ब्यौरा क्या है जिसपर सदन में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने बताया कि भारत के निय ंत्रक-महालेखापरीक्षक (सी.ए.जी) की रिपोर्ट दिनाकिंत 31.03.2021 के पैरा 5.8 की टिप्पणी, नगर निगम, फरीदाबाद (एम.सी.फ.) को 23.80 करोड़ के नुकसान की बात करती है क्योंकि इन भुगतानों के विरुद्ध कोई कार्य निष्पादित नहीं किया गया था। इसके अतिरिक्त, अप्रैल 2015 से जून 2020 तक उसी ठेकेदार को 183.83 करोड़ की राशि वितरित की गई। नगर निगम, फरीदाबाद की लेखा शाखा द्वारा 104.30 करोड के भुगतान वाउचर लेखापरीक्षा को उपलब्ध कराए गए, जबकि, 79.53 करोड़ के भुगतान वाउचर लेखापरीक्षा को उपलब्ध नहीं कराये गये। यह, नगर निगम, फरीदाबाद के कमजोर आंतरिक और वित्तीय नियंत्रण को दर्शाता है। सी.ए.जी रिपार्ट तथा ए.सी.बी की जांच रिपोर्ट में बताए गए कार्यां के लिए भुगतान सिफारिश करने वाले अधिकारियों के नाम जिन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ.आई.आर.) दर्ज की गई है और जांच प्रक्रिया में है, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यरू (एसीबी) मामले की जांच कर रही है। एसीबी ने आज तक उन अन्य अधिकारियों की आपराधिक संलिप्तता का कोई संकेत नहीं दिया है।
विधायक नीरज शर्मा ने सदन मे प्रश्न की चर्चा मे कहा कि मंत्री जी ने जो जवाब दिया है उसी में विरोधाभास है। क्योकि सरकार ने एसीबी के तो पैर ही बांध रखे है, 31 मार्च 2020 के बाद की जांच ही नहीं की जाएगी। जबकि मार्च के बाद ही इसमें सबसे ज्यादा पेमेंट की गई है। विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि मंत्री जी आप सरकार है आप तुरंत आदेश करें कि 200 करोड़ के घोटाले में एसीबी के पैर ना बांधे जाएं एक-एक पाई की रिकवरी की जांए और जो भी इसमें शामिल है उनके खिलाफ सजा मुकर्रर की जाए।
विधायक नीरज शर्मा ने सदन में मांगा करी कि इस धोटाले की जांच ईडी या सीबीआई से करवाए या फिर एसीबी को सतबीरा ठेकेदार एंव उसकी अन्य फर्मो को दी गई एक-1 पेमेंट जिस अधिकारी ने की है उसकी अनुमति तुरंत दे।
सतबीरा ठेकेदार ने जिस टैवल एजेंट को पेमेंट की है सरकार इतना ही पता करवाले कौन-2 से अधिकारी ने जहाजो की यात्रा की है, कौन किसके शपथ ग्रहण समारोह में गया था। सारी बात स्पष्ट हो जाएगी।
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