जैसा कि नवीन जयहिन्द ने दोनों मुख्यमंत्रियों को SYL मामले पर नहर का निर्माण करवाने व सुप्रीम कोर्ट का निर्णय लागू करवाने का बयान देने पर 1-1 लाख रुपए ईनाम देने की घोषणा की थी। लेकिन बताया जा रहा है कि दोनों सीएम ने अपने भाषण में SYL मामले पर दो शब्द तक नही बोले। इस पर जयहिन्द ने कहा कि क्या SYL का नाम लेते वक़्त उनकी जीभ को लकवा लग गया था? या याददाश भूल गए थे? SYL का जिक्र तक नही किया।
हरियाणा की जनता जो जहरीला पानी पी रही है वे कोई दूध या दारू नही मांग रहे थे बल्कि वे अपने हक़ का पानी मांग रहे थे। हरियाणा की जनता ने यह देख लिया कि ये दोनों मुख्यमंत्री किस तरह सुप्रीम कोर्ट को भी कुछ नही मान रहे है। सुप्रीम कोर्ट के मान सम्मान के लिए ही हम उनसे सवाल पूछने आये थे और SYL के लिए जो भी लड़ाई हम लड़ सकते है जरूर लड़ेंगे।
एक पत्रकार साथी के सवाल का जवाब देते हुए जयहिन्द ने कहा कि सांच को आंच क्या, ईडी से क्या डरना। ईडी और सीडी से वही व्यक्ति डरता है जिसमे कमी हो।केजरीवाल व भगवंत मान syl पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय न मान कर सुप्रीम कोर्ट और संविधान का उल्लंघन कर रहे है और गणतंत्र को लठतंत्र बनाना चाह रहे है।
हरियाणा के 22 में से 17 जिलों में पानी की कमी है। सभी जिलों में लोग जहरीला पानी पी रहे है जिससे उनको अनेको बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है जैसे लोगो के समय से पहले बाल सफेद व गंजे हो जाते है। 80% हरियाणा के गाँवों में भूमिगत जलस्तर (चौवा) एक हजार फ़ीट निचे जा चुका है जिसके कारण किसानों को खेती व आम जनता को पानी की समस्या हो रही है।
साथ ही जयहिन्द ने कहा कि अगर SYL का पानी हरियाणा को मिले तो 40 लाख टन अनाज किसान हर साल उगाकर जनता का पेट भर सकते है। यह राजनीतिक लड़ाई नही बल्कि न्याययिक लड़ाई है। और जो नेता या अभिनेता हरियाणा के हक़ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करवाने की आवाज नही उठा रहा( syl नहर निर्माण के बारे में नही कह रहा) सब गद्दार है।
जयहिंद ने कहा कि हरियाणा की ढ़ाई करोड़ जनता SYL के पानी का इंतजार कर रही है। किसान खेतीबाड़ी के लिए तो आम जनता पीने के पानी के लिए। हरियाणा में पानी की स्थिति बड़ी भयावह है। खराब पानी पीने की वजह से छोटे बच्चों, महिलों और युवाओं में अनेक तरह की बिमारियां हो रही है।
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