धरने को सम्बोधित करते हुए विभिन्न किसान नेताओं ने केन्द्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इस बजट में खेती संकट को दूर करने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है। आज किसान प्राकृतिक आपदाओं से तबाह हो रहा है और उसकी फसल का लाभकारी भाव नहीं मिल रहा है। दूसरी ओर गांव में मनरेगा पर 21 प्रतिशत बजट कम करके मजदूर की रोजी रोटी पर लात मार दी है।
उन्होंने कहा कि प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने के वायदे को भी इस बजट में भूल गये। यह बजट पूरी तरह से किसान मजदूर व ग्रामीण विरोधी साबित होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अडाणी ग्रुप की मदद करके आम जनता की बचत को बैंकों व बीमा कम्पनी के माध्यम से चूना लगाने का काम किया है।
आज के धरने में किसान सभा के जिला प्रधान रामफल देशवाल, उपप्रधान कामरेड ओमप्रकाश, ब्लाक सचिव प्रताप सिंह सिंहमार, किसान नेता मास्टर शेरसिंह, करतार ग्रेवाल, दिलबाग ग्रेवाल, सज्जन सिंगला,नरेन्द्र धनाना, रणसिंह नीमड़ीवाली, शब्बीर हुसैन कितलाना, बलवान फौगाट बीरण, राजकुमार दलाल, दिवान सिंह जाखड़ जाटू खाप, नरेश शर्मा, फूलचन्द ढाणा लाडनपुर, धनसिंह बामला, नृपेन्द्र मोधकारी, प्रदीप धनाना, महेन्द्र मिताथल शामिल थे।
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