इस अवसर पर उन्होंने सैनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के जीर्णोद्धार व नव निर्माण के लिए अपने ऐच्छिक कोष से 31 लाख रुपये देने की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता व विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा की ओर से 11-11 लाख रुपये देने की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने सैनी समाज के प्रतिनिधियों की मांग पर विचार करते हुए कहा कि प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले के नाम पर शिक्षण संस्थान का नाम रखा जाएगा। इसके लिए समाज के लोग व प्रतिनिधि जिस शहर या क्षेत्र में कॉलेज या स्कूल का नाम रखने के लिए सरकार को बताएंगे, उस शिक्षण संस्थान का नाम सावित्री बाई फूले के नाम पर रख दिया जाएगा। मनोहर लाल ने धर्मशाला के लिए जमीन देने की मांग पर घोषणा करते हुए कहा कि समाज के लोगों को आवेदन करना होगा और नियमानुसार धर्मशाला के लिए प्लॉट आवंटित किया जाएगा। इसके अलावा, अन्य मांगों पर भी विचार कर उन्हें पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराजा शूरसैनी जयंती पर यह दूसरा राज्य स्तरीय समारोह है। इससे पहले वर्ष 2020 में कुरुक्षेत्र में पहले राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया था। उन्होंने कहा कि महाराजा शूरसैनी बहुत ही प्रतापी, वेदों के ज्ञाता, न्यायप्रिय, धर्मात्मा एवं प्रजापालक राजा थे। उनके राज्य में पूर्ण समाजवाद था। उन्हीं के नाम पर शूरसैनी प्रदेश मथुरा के पास का इलाका कहलाया। उन्हीं के नाम पर सौर सैनी भाषा और उन्हीं से आगे चलकर शूरसैनी वंश चला और सैनी जाति का जन्म हुआ। शूरसैनी जाति की प्रशंसा न सिर्फ इतिहास में मिलती है, बल्कि महाभारत में भी शूर सैनियों का यश गाया गया है। उन्होंने आयोजकों से अपील की कि हर वर्ष इस प्रकार के राज्य स्तरीय समारोह अवश्य आयोजित करें।
सैनी समाज का इतिहास जितना गौरवशाली, उतना ही महान
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनी समाज का इतिहास जितना गौरवशाली, उतना ही महान है और उतना ही प्राचीन भी है। ऋग्वेद में श्रेणी नामक वीर जाति का वर्णन मिलता है, उसी वंश में आगे चलकर महाराजा ‘शूरसैनी’ ने शूरसैनीगण की स्थापना की थी। सैनी समाज ने सामाजिक क्रांति के अग्रदूत महात्मा ज्योति बा फूले, भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले जैसे समाज सुधारक और श्री लिखमीदास जैसे संत, बल्लभगढ़ रियासत के सेनापति गुलाब चंद सैनी जैसे वीर यौद्धा, बिहार में सामाजिक क्रांति के सूत्रधार बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा जैसे समाज सेवक, हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद कुशवाहा जैसे खिलाड़ी, परमवीर चक्र विजेता कैप्टन गुरु वचन सलारिया, परमवीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिंदर सिंह सैनी जैसे वीर सैनिक, चंडीगढ़ स्थित रॉक गार्डन के निर्माता पद्मश्री नेकचन्द सैनी जैसे कलाकार, भारत में बाघों की जनसंख्या एवं उनके अस्तित्व को बचाने के लिए कार्य करने वाले पद्मश्री कैलाशचंद सांखला जैसे वन्य प्राणी संरक्षक सहित अनेक महापुरुष दिए हैं। स्वतंत्रता आंदोलन में भी सैनी समाज का बड़ा योगदान है और देश के नव-निर्माण में सैनी समाज का योगदान प्रशंसनीय है।
सैनी समाज में 30 प्रतिशत विद्यार्थियों के बल पर आगे बढ़ेगा समाज
मनोहर लाल ने कहा कि सरकार की परिवार पहचान पत्र एक अनूठी योजना है, जिससे हर परिवार का डाटा सरकार के पास उपलब्ध है। इस डाटा के अनुसार सैनी समाज के परिवारों की संख्या 1.96 लाख है जो जनसंख्या के हिसाब से 8 लाख से अधिक बनती है। इसमें 30 प्रतिशत जनसंख्या विद्यार्थियों की है। जिस समाज में विद्यार्थियों की संख्या इतनी अधिक हो उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि जो बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं, उन्हें स्कूल अवश्य भेजें। कम से कम 12वीं तक की पढ़ाई हर बच्चा पूरी करे। उन्होंने बताया कि पीपीपी डाटा के अनुसार 24 प्रतिशत जनसंख्या सैनी समाज में महिलाओं की है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे स्वयं सहायता समूह से जुड़े। सरकार एसएचजी को कई प्रकार के वित्तीय लाभ दे रही है। एसएचजी द्वारा बनाये गए उत्पादों के लिए भी बाजार तक पहुंच की व्यवस्था की गई है।
युवा कौशल प्रशिक्षण पर बल देकर राष्ट्र के नवनिर्माण में निभाएं भूमिका
मुख्यमंत्री ने बताया कि डाटा के अनुसार सैनी समाज के मात्र 4 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। ऐसे युवाओं को स्किलिंग पर जोर देना चाहिए और अपना स्व रोजगार या निजी कंपनियों के साथ जुड़ कर काम करना चाहिए और राष्ट्र के नव निर्माण में अहम भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस डाटा के अनुसार 1200 परिवार ऐसे हैं, जिनकी आय 25 हजार से भी कम है। मुख्यमंत्री ने उपस्थित सैनी समाज के लोगों व प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे इन परिवारों के आर्थिक उत्थान के लिए आगे आएं।
8 साल में व्यवस्था परिर्वतन से किए कई बदलाव
मनोहर लाल ने कहा कि पिछले 8 सालों में राज्य सरकार ने व्यवस्था परिर्वतन करते हुए कई बदलाव किए हैं। सरकार ने ऑनलान स्थानांतरण नीति, सीएम विंडो, ई-गर्वनेंस जैसी पहल कर लोगों को बड़ी राहत दी है। लोगों का जीवन सरल हुआ है, जिसके परिणास्वरूप हैप्पीनैस इंडेक्स में भी हरियाणा आगे बढ़ रहा है।
आजादी किसी एक परिवार ने नहीं दिलाई
मनोहर लाल ने कहा कि देश को आजादी दिलाने में समाज के हर वर्ग के महापुरुषों का योगदान रहा है,लेकिन विपक्ष के लोग बयान देते हैं कि आजादी हमने दिलाई है। वे एक परिवार से ही बाहर नहीं निकल पाते। आजादी किसी एक परिवार ने नहीं दिलाई। इस प्रकार के खेदजनक बयान देेकर इतिहास से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए, बल्कि सभी वर्गों के लिए आदर का भाव होना चाहिए।
गरीब परिवारों के लिए कई योजनाएं की शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने गरीब परिवारों के लिए आयुष्मान भारत की तर्ज पर चिरायु हरियाणा योजना भी चलाई है। इसके तहत 28.89 लाख अंत्योदय परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये की मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। इतना ही नहीं, सरकार ने निरोगी हरियाणा योजना शुरू करके यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच कर बीमारियों का पहले ही पता लगाया जा सके। इस योजना के तहत पहले चरण में 1.25 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। अब तक 60 से 70 हजार लोगों के स्वास्थ्य की जांच हो चुकी है और एक वर्ष में सभी के स्वास्थ्य जांच की जाएगी।
संत-महापुरुष विचार सम्मान एवं प्रसार योजना से महापुरुषों को किया जा रहा याद
मनोहर लाल ने कहा कि हमारे देश में अनेक संत-महात्माओं, ऋषि-मुनियों, और गुरुओं ने मानवता को जीवन का सही रास्ता दिखाया है। ऐसी महान विभूतियों की शिक्षाएं पूरे मानव समाज की धरोहर हैं। उनकी विरासत को संभालने व सहेजने की जिम्मेदारी हम सबकी है। इसी दिशा में हम ‘संत-महापुरुष विचार सम्मान एवं प्रसार योजना’ के तहत संतों व महापुरुषों के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। महाराजा शूरसैनी जयंती समारोह का आयोजन भी इसी योजना की एक कड़ी है। इस योजना में संत कबीर दास जी, महर्षि वाल्मीकि जी, गुरु नानक देव जी, गुरु तेग बहादुर जी, महर्षि कश्यप जी, गुरु रविदास जी और डॉ. भीमराव अम्बेडकर जैसे संत-महापुरुषों की जयंती को राज्य स्तर पर मनाया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास की नीति पर आगे बढ़ रहा है। पिछले 8 साल के कार्यकाल में हमारी डबल इंजन की सरकार ने विकास की रफ्तार को चरम पर पहुंचाया है। आज का हरियाणा वह प्रदेश नहीं है, जहां नौकरियों की बोली लगती हो। आज लोगों को अपने छोटे-छोटे कामों के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। भाई-भतीजावाद, जातपात और क्षेत्रवाद, भय, भ्रष्टाचार आदि पर हमने करारी चोट की है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ई-गवर्नेंस और ऑनलाइन सिस्टम लागू करके भ्रष्टाचार के रास्ते बंद करने का काम किया। पहले सरकारी नौकरियों में भर्ती पर्ची -खर्ची के माध्यम से ही होती थी। अब हमने केवल योग्यता के आधार पर भर्तियां करके एक नया प्रतियोगी वातावरण तैयार किया है। पहले विकास के मामले में भी प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भेदभाव होता था। हमने हरियाणा एक-हरियाणवी एक के भाव से सब क्षेत्रों के समान विकास को सुनिश्चित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनी समाज कर्मशील समाज है। उनके सामने किसी भी प्रकार की कठिनाई या बाधा आती है तो वे उसका डटकर सामना करते हैं। इसलिए कभी भी किसी को भी अपने स्वाभिमान पर चोट नहीं पहुंचाने देना चाहिए। यदि कोई कुछ मुफ्त देने की बात कहता है तो यह समझना चाहिए कि सबसे पहले इसका अधिकार अंत्योदय का है। इसलिए जन कल्याण में सर्व समाज के लोग सरकार के साथ भागीदार बनें। समारोह में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता, विधान सभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा, उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री जसवंत सैनी, कुरूक्षेत्र से सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक विनोद भयाना, भव्य बिश्रोई, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
Post A Comment:
0 comments: