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SYL- अगर सुप्रीम को नहीं सुनते  तो लगा दो सुप्रीम कोर्ट में ताला  : नवीन जयहिन्द

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रोहतक 14 अक्टूबर - हरियाणा - पंजाब में सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद का मामला नया नही हैं विवाद हरियाणा के नए राज्य बनने के साथ ही शुरू हुआ और अब भी दोनों राज्यो में एसवाईएल नहर विवाद ज्यो का त्यों बना हुआ हैं हरियाणा बनने से अब तक प्रदेश में कितनी सरकार बनी सभी ने इस मुद्दे को सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेखने तक सीमित रखा और अब तक लगभग सभी राजनीतिक दल एसवाईएल मुद्दे को वोट तक समिति रखे हुए हैं अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ओर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान की  मीटिंग एक सिर्फ चाय पीने तक ही सीमित रह गई है

समाजसेवी एव हरियाणा में क्रांतिकारी नेता नवीन जयहिंद ने भी अब हरियाणा और पंजाब के बीच विवाद बने हुए एसवाईएल नहर पर अपनी प्रतिक्रिया दी हैं जयहिंद का कहना हैं कि हरियाणा में अब तक सभी राजनैतिक दल पंजाब से पानी लेने के मुद्दे पर एसवाईएल नहर को सिर्फ वोट तक सीमित रखकर प्रदेश की जनता को मूर्ख बनाने का काम किया जा रहा हैं जबकि माननीय सुप्रीमकोर्ट के द्वारा हरियाणा के पक्ष में पानी देने का फैसला दिए हुए भी काफी अरसा बीत चुका हैं और ये प्रदेश सरकार की ही लापरवाही हैं कि अभी तक केंद्र में भी बीजेपी की सरकार होने के बावजूद हरियाणा की खट्टर सरकार पंजाब से एसवाईएल का पानी लेकर हरियाणा को उसका हक नही दिला सकी जबकि जब प्रदेश में विपक्ष की सरकार होती हैं तो सभी राजनैतिक दल जनता को भृमित करती रहती हैं

जयहिंद ने कड़े शब्दों में प्रदेश की  खट्टर सरकार की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि सरकार द्वारा 1976 में 1 करोड़ रुपए भी दिए जा चुके हैं इसी विवाद में जुलाई 1985 में हुए राजीव -लोंगोवाला समझौते के बाद 1 महीने बाद अगस्त 1985 को लोंगोवाल की उग्रवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या भी कर दी गई ओर 1990 में इसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे  दो इंजीनियरिंग की गोली मार  कर हत्या कर दी थी  अब हरियाणा के किसानों को मीठी गोली नही चाहिए किसान जागरूक हो चुके हैं अब उन्हें अपने हिस्से का पानी चाहिए हैं ताकि किसान खुशहाल ओर समृद्ध हो सके

जयहिंद ने कहा कि एसवाईएल के पानी पर हरियाणा का हक हैं हरियाणा एसवाईएल की कोई पंजाब से भीख नही माँग रहा हैं हरियाणा अपने हिस्से का पानी पंजाब से माँग रहा है जयहिंद ने खट्टर सरकार की निंदा करते हुए कहा की प्रदेश की खट्टर सरकार किसानों को पसंद नही करती हैं खट्टर सरकार से प्रदेश का हर वर्ग परेशान हैं ओर खट्टर सरकार के बचे हुए दिनो को गिन - गिनकर गुजार रही हैं


जयहिंद ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हरियाणा को उंसके हिस्से का पानी दिलवाते हुए एसवाईएल विवाद को जल्द से जल्द सुलझाएं ओर सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन करवाएं ताकि हरियाणा और पंजाब का भाईचारा बरकरार रहे और किसानों की खेती को जो लंबे समय से प्यासी हैं उनके हिस्से का भी पानी मिल सके


गौरतलब हैं कि 8 अप्रैल 1982 तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एसवाईएल नहर की आधारशिला रखी थी 214 किमी लंबी नहर का 122 किमी हिस्सा पंजाब और 92 किमी हिस्सा हरियाणा में पड़ता हैं आधारशिला रखने के 40 साल बाद भी सतलुज - युमना लिंक नहर विवाद ज्यो का त्यों बना हुआ हैं

 

हरियाणा के जवान और किसान एसवाईएल के लिए करेंगे एक बहुत बड़ा आंदोलन जयहिन्द

हरियाणा व पंजाब के बीच एसवाईएल के विवाद को लेकर नवीन जयहिंद ने बताया की जब सुप्रीम कोर्ट एसवाईएल को लेकर हरियाणा के हक में फैसला सुना चुका है तो आजतक उस फैसले को लागू क्यों नही किया गया, क्यों राज्य सरकारें चुप्पी साधे हुए है। अगर राज्य सरकार इस मामले को लेकर अपनी चुप्पी नही तोड़ती है या जल्द ही कोई निर्णायक निर्णय नहीं लेती है, तो हरियाणा के जवान और किसान एक साथ मिलकर एसवाईएल के लिए एक बहुत ही बड़ा आंदोलन करेंगे।

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