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कांग्रेस आपस में भिड़ी पडी, AAP अभी उभरी नहीं, BJP जल्द करवा सकती है MCF और पंचायत चुनाव

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चंडीगढ़- सीएम मनोहर लाल चंडीगढ़ से दिल्ली पहुँचने वाले हैं और माना जा रहा है कि कई केंद्रीय मंत्रियो संग उनके राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा होगी। कल हरियाणा निकाय चुनावों के परिणाम आये जिसके बाद पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन की पीठ थपथपाई। आज केंद्रीय मंत्री भी सीएम खट्टर की पीठ थपथपा सकते हैं। अब कयास लगाए जा रहें हैं कि लगभग एक साल से लटके हरियाणा पंचायत चुनाव और लगभग 6 महीने से लटके फरीदाबाद नगर निगम चुनाव भी भाजपा जल्द करवा सकती है। 

इस प्रमुख कारण है निकाय चुनावों में पंजाब या चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव जैसे नतीजे की उम्मीद लगाए बैठी आम आदमी पार्टी के सपने चकनाचूर हो गए। आप को अभी धरातल पर और काम करने के साथ ही शहरी मतदाताओं का विश्वास जीतना होगा। पंजाब और हरियाणा की सियासत में दिन-रात का अंतर है, इसलिए पंजाब और दिल्ली की तरह यहां राजनीतिक सफलता हासिल करना आसान नहीं है। हरियाणा में देखा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के नेता दावे करते हैं कि पार्टी में रोज हजारों लोग शामिल हो रहे हैं लेकिन हकीकत ये है कि शामिल होने के लिए आये  100 में से  5 लोग होते है, 95 लोग टोपी पहनना पसंद नहीं करते और पास में रखे पकौड़े पर टूट पड़ते हैं। जिनकी छत्रछाया में लोग आते है वो ढूंढते रहते हैं कि हमारे समर्थक कहाँ गए। जब देखते हैं कि पकौड़े पर टूट पड़े हैं तो खामोश हो जाते हैं और कई  तो कहने लगते हैं जिस ठेकेदार ने इन्हे भेजा है उसे सबक सिखाएंगे और इनकी दिहाड़ी? कुल मिलाकर देखा जा रहा है कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी अभी खड़ी नहीं हो सकी है। 

हरियाणा की मुख्य विपक्षी कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस में अभी तमाम कमियां हैं। उदयभान भी अभी तक संगठन नहीं बना सके और भले ही निकाय चुनाव कांग्रेस ने सिम्बल पर नहीं लड़ा लेकिन हरियाणा में आवाज उठने लगी है कि उदयभान पहली ही गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए हैं। अध्यक्ष बनने के बाद ये पहला चुनाव था। हाल में राज्य सभा चुनावों में भाजपा-जजपा ने हार को जीत में तब्दील किया और कांग्रेस के अजय माकन को हराकर कार्तिकेय शर्मा को जीत दिलवाई। हरियाणा कांग्रेस पर सवाल पर सवाल उठने लगे हैं। अब तक कांग्रेस ने अपने धोखेबाज विधायक को सार्वजनिक नहीं किया। विवेक बंशल पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है उनकी जो गलत को गलत नहीं बोल पा रहे हैं। जबकि वो जानते हैं कि किस विधायक ने धोखा दिया है। 

हरियाणा के बड़े कांग्रेसी नेताओं को शायद ये नहीं मालूम कि जहाँ उनके कार्यक्रम होते हैं, हजारों की भीड़ देख वो गदगद होते है वहाँ उनके कार्यक्रम के आयोजनकर्ताओं को कई-कई लाख खर्च करने पड़ते हैं तब कार्यक्रमों में भीड़ दिखती है। 94 फीसदी भीड़ किराये की होती है। ऐसा इसलिए क्यू कि हरियाणा के बड़े नेताओं ने कई वर्षों से कार्यकर्ता ही नहीं बनाया, कई वर्षों से प्रदेश में पार्टी का कोई संगठन नहीं है ऐसे में भीड़ किराये पर ही बुलाई जाती है। भीड़ की बात करें तो किसी भी पार्टी के नेता पैसे खर्च करें ये भीड़ उस पार्टी की सभाओं में पहुँच जाती है। अगर हरियाणा कांग्रेस इसी राह पर चलती रही तो आगे की राह आसान नहीं है। 90 विधानसभा क्षेत्र में कुछ नेताओं के पास ही पैसा है जो भीड़ बुला लेते हैं। बार-बार ये नेता भी ऐसा नहीं कर पाएंगे इसलिए संगठन हरियाणा कांग्रेस के लिए बहुत जरूरी है लेकिन भाजपा को पता है कि हरियाणा कांग्रेस के पास कुछ नहीं है ऐसे में पंचायत और नगर निगम फरीदाबाद का चुनाव जल्द करवा लें तो अच्छा है। 

भाजपा कितनी तेज है आप इस बात से समझ सकते हैं कि कल के विजेताओं को सीएम मनोहर लाल ने चंडीगढ़ बुला लिया और सबसे मिले

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