Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

कांग्रेस बिन पेंदी का लोटा, AAP में भी टूट-फुट, फरीदाबाद में फिर अपना मेयर बना सकती है BJP

Faridabad-Sps-News
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

  

फरीदाबाद। लगभग दो महीने बाद फरीदाबाद नगर निगम के चुनाव हो सकते हैं, कल ही निगम पार्षदों की विदाई हुई और अब सबने चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। जो पार्षद अपने क्षेत्र की जनता के बीच पांच साल तक दिखे भी नहीं अब वो जनता को फिर दिखने लगे हैं और दोनों हाँथ जोड़ते दिख रहे हैं। इस बार जिले में मेयर का चुनाव डायरेक्ट होगा और कहा जा रहा है कि डायरेक्ट चुना गया मेयर मिनी सांसद होगा और विधायकों से ज्यादा पवार होगी जो मेयर की होती भी है लेकिन जिले में कई बार कठपुतली मेयर बने जो अपनी ताकत का इस्तेमाल नहीं कर सके और फरीदाबाद का हाल बेहाल होता रहा। देश के कई पिछड़े राज्यों के तमाम शहर चमक गए जबकि ऐतिहासिक शहर फरीदाबाद को लोग नरक सिटी कहने लगे। किसी समय इसे फकीराबाद शब्द से नवाजा गया था लेकिन एक मेडिकल कालेज, मेट्रो और कुछ बड़े विकास कार्यों के बाद वो छबि सुधरी और फरीदाबाद को फिर फरीदाबाद कहा जाने लगा लेकिन कुछ वर्षों से इसे नया नाम नरक सिटी कहा जा रहा है। वैसे दो तीन महीनों में निगम कमिश्नर यशपाल यादव ने शहर की छबि में काफी हद तक सुधार करवाया लेकिन एक अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता। 

बात कर रहे हैं मेयर चुनाव की तो शहर में चर्चाएं हैं कि भाजपा फिर अपना मेयर बना सकती है क्यू कि शहर में विपक्ष नहीं है। नाम मात्र का विपक्ष है जो हाईकमान के आदेश के बाद पीएम, सीएम के खिलाफ नारे लगा सकता है लेकिन स्थानीय सत्ताधारियों के खिलाफ कोई एक शब्द भी बोलने को राजी नहीं। अब भी फरीदाबाद में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है। शहर में चर्चाएं हैं कि फिलहाल कांग्रेस में कोई ऐसा नेता नहीं है जो भाजपा के मेयर पद के उम्मीदवार को टक्कर दे सके। कांग्रेसी आपस में ही बंटे हैं। एक दूसरे की बुराइयां करते हैं। एक दुसरे पर आफ द रिकार्ड कीचड़ उछालते हैं। किसी कांग्रेसी को मेयर के लिए मैदान में उतार दिया गया तो उसे हराने का प्रयास भाजपा से ज्यादा कांग्रेसी ही करेंगे। 

शहर के पढ़े लिखे लोग चर्चा करते हैं कि फरीदाबाद ही नहीं हरियाणा में कई वर्षों से कांग्रेस बिना पेंदी के लोटे की तरह है, कई वर्षों से कांग्रेस अपना संगठन नहीं खड़ा कर सकी है। सत्ताधारी भाजपा गली-गली में पद बाँट चुकी है और बूथ स्तर पर भी भाजपा ने कई-कई लोगों को कोई न कोई पद दिया है जबकि कांग्रेस हरियाणा के किसी भी जिले में अब तक जिला अध्यक्ष तक नहीं दे पाई है। 

फरीदाबाद की जनता तीसरे विकल्प की तलाश में है लेकिन फ़िलहाल तीसरा विकल्प जमीन पर नहीं दिख रहा है। आम आदमी पार्टी तीसरा विकल्प बनने का प्रयास कर रही है लेकिन वर्तमान में प्रदेश प्रभारी की नीतियों के कारण शहर में चर्चाएं हैं कि वो अपनी ही पार्टी में फूट डलवा रहे हैं और अपने ही नेताओं से अपनी ही पार्टी की धज्जियां उड़वा रहे हैं। राज्य सभा सांसद सुशील गुप्ता के बारे में चर्चाएं हैं कि वो चुनाव जीत कर नहीं अलग तरीके से आप के बड़े पद पर हैं इसलिए उन्हें नहीं पता कि चुनाव कैसे जीता जाता है। हाल में आम आदमी पार्टी ने नगर निगम के एक पूर्व अधिकारी को मेयर का भावी उम्मीदवार घोषित किया लेकिन वो टोपी पहनने तक ही सीमित हैं, सिर्फ अपनी पार्टी के भावी मेयर हैं, मेयर का चुनाव लड़ेंगे तो बुरी तरह जमानत जब्त होगी। 

शहर के लोगों में चर्चाएं हैं कि कांग्रेस बिन पेंदी का लोटा और आम आदमी पार्टी आपस में ही? इसलिए हो सकता है भाजपा फिर बाजी मार ले जाए, वैसे अब भी शहर के लोग विकल्प की तलाश में हैं। 

फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

Faridabad News

Post A Comment:

0 comments: