फरीदाबाद,9 जनवरी। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की घोषणाओं को लागू न करने से खफा हड़ताली आंगनवाड़ी वर्कर 14 फरवरी से सीएमसिटी करनाल में पड़ाव डालेगी। यह ऐलान बुधवार को कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के आवास पर आयोजित प्रदर्शन को संबोधित करते हुए आंगनवाडी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन हरियाणा की राज्य प्रधान देवेन्द्री शर्मा ने किया। बुधवार को हड़ताली आंगनवाडी कार्यकर्ताओं ने कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के कार्यालय पर आक्रोश धरना दिया और सरकार की हठधर्मिता व हड़ताली नेताओं को बर्खास्त करने के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष एवं आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंम्पलाईज फेडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर,पलवल जिले के प्रधान श्रीपाल सिंह भाटी , आंगनवाडी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन हरियाणा की जिला सचिव मालवती, कोषाध्यक्ष सीमा यादव,उप प्रधान सुरेन्द्री,याशमीन,राधा, भावना व सुनीता आदि मौजूद थे। प्रदर्शनकारी हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा की गैर मौजूदगी के उनके भाई टिपरचंद को ज्ञापन सौंपा।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने टिपरचंद द्वारा मांगों बारे जानने पर उन्हें बताया कि हड़ताली आंगनवाड़ी वर्कर एवं हैल्पर्स की कोई नई मांग नहीं है। हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता माननीय मुख्यमंत्री व माननीय प्रधानमंत्री की घोषणाओं को लागू करवाने की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 6 मार्च,2018 को विधानसभा में वर्कर को अर्धकुशल व हेल्पर को अकुशल श्रेणी का मानदेय देने और इसे महंगाई भत्ते से जोड़ने की धोषणा की थी। सरकार ने दो किस्त महंगाई भते की भी 2019 में जोेड़ी थी। लेकिन अब राज्य सरकार इस निर्णय से पीछे हट रही है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार लोकसभा चुनाव से पहले माननीय प्रधानमंत्री ने 8 सितंबर 2018 को वर्कर के मानदेय में 1500 व हेल्पर के मानदेय में 750 की बढ़ोतरी करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि पिछले 4 साल से केंद्र सरकार से यह पैसा हरियाणा सरकार ले रही है, लेकिन उसे वर्करों व हैल्परों को नहीं दे रही। यह घोर निंदनीय है, जिसको बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जिसके खिलाफ आंगनवाडी वर्कर्स एंड हैल्पर्स 8 दिसंबर से हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की घोषणाओं को लागू कर हड़ताल समाप्त करवाने की बजाय हड़ताली नेताओं को बर्खास्त कर जले पर नमक छिड़कने का काम कर रहा है। अब तो 50 से ज्यादा वर्करों को बर्खास्त किया जा चुका है और यह सिलसिला जारी है। जिले से भी 6 को बर्खास्त किया जा चुका है। उन्होंने आंगनवाडी कार्यकर्ताओं की मांगों व 14 फरवरी से करनाल में शुरू हो रहे पड़ाव का पुरजोर समर्थन का ऐलान किया।
आंगनवाडी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन (1442) की राज्य प्रधान देवेन्द्री शर्मा, सचिव मालवती व कोषाध्यक्ष सीमा यादव ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रही है। प्रदेश की 40000 के करीब महिलाएं पिछले 64 दिन से सड़कों पर हैं। आइसीडीएस के तहत लाभार्थी तबकों जिनमें 0-6 साल के बच्चे, गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं को दिया जा रही पोषण सामग्री बंद है। स्वास्थ्य व अन्य योजनाएं बुरे तरीके से प्रभावित हैं, सरकार ऐसे हालात में भी संवेदनहीन रवैया अपना रही है। आंदोलन को दमन व उत्पीड़न के तरीके से विफल करवाना चाहती है। सरकार के मंसूबे सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को करनाल में प्रदेश भर की वर्कर्स और हेल्पर्स पहुंचेंगी और सरकार के हमलो का करारा जवाब देंगी। उन्होंने कहा कि सरकार आन्दोलन को खत्म करने के लिए वर्करों व हैल्परों कोे सेवा से बर्खास्त कर रही है, मुकदमें दर्ज कर रही है। यह सरकार की बौखलाहट को ही दर्शाता है। इस प्रकार की कार्यवाही से आन्दोलन कमजोर होने की बजाय और ज्यादा मजबूत होगा। तमाम वर्कर्स और हेल्पर्स गांव गांव जाकर प्रचार करेंगी ओर सरकार के पुतले जलाएंगी।
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