पलवल, 10 नवंबर। उपायुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि कृषि कार्यों के साथ-साथ पशुपालन एक लाभकारी सहायक कृषि कार्य है। सीमांत किसानों, बेरोजगार युवाओं को भी पशुपालन का व्यवसाय अपनाना चाहिए। सभी पशु चिकित्सकों की सलाह से पशुपालन करें। पशु पालन एवं डेयरिंग विभाग की योजनाओं का लाभ उठाएं। पशु चिकित्सकों की सलाह पर अपने पशुओं में रोगों की रोकथाम के लिए समय-समय पर टीकाकरण करवाएं।
पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग के उप-निदेशक डा. इकबाल सिंह दहिया ने विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि उपायुक्त कृष्ण कुमार के निर्देशानुसार जिला में पशु पालन का कार्य सुचारू रूप से करने के लिए समय-समय पर किसानों को जागरूक किया जाता है। उन्होने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान पलवल जिला क्षेत्र में कुल 77728 दुधारू पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान किया गया। जिनमें कुल 58659 भैंस व कुल 19069 गाय शामिल हैं। जिला क्षेत्र में कुल भेड़माता रोग से बचाव के लिए कुल 5530 भेड़ों को टीके लगाए गए। इसी प्रकार कुल 20700 पशुओं का इन्टीरो टॉक्सिनिया वैक्सिनेशन, स्वाइन फिवर के 2520, 19412 मुहखुर और पीपीआर के 4150 टीके लगाए गए।
उप-निदेशक ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान जिला क्षेत्र में अनुसूचित जाति योजना के अंतर्गत 20 दुधारू यूनिट स्थापित की गई। समेकित मुर्रा विकास योजना के अंतर्गत हरियाणा नस्ल की 13 गायों, मुर्राह नस्ल की 5 भैंस, साहिवाल नस्ल की 5 गाय का चयन किया गया तथा कुल 06 हाईटैक एंड मिनि डेयरी यूनिट स्थापित की गई और बांझपन के इलाज के लिए कुल 25 कैंप लगाए गए।
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