Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

पंजाब में लगा इस्तीफों का ढेर, सिद्धू प्रेम में कैप्टन को जहाज से उतार कांग्रेस ने मारी अपने पैरों पर कुल्हाड़ी

Bad-News-For-Punjab-Congress
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

नई दिल्ली- हाल के कुछ महीनों में भाजपा ने कई राज्यों के मुख्यमंत्री बदले लेकिन ज्यादा शोर शराबा नहीं हुआ। जिन मुख्यमंत्रियों को हटाया गया वो पार्टी हाईकमान का आदेश मानते हुए चुपचाप बैठ गए। हाल में ही कांग्रेस ने भाजपा की राह पर चलने का प्रयास किया लेकिन औंधे मुँह गिरते दिख रही थी। जब कैप्टन ने पंजाब के सीएम के रूप में स्तीफा दिया था और चन्नी सीएम बनाये गए थे तो कुछ लोगों का कहना था कि कांग्रेस हाईकमान ने अब जो फैसला लिया है उससे कई राज्यों के वो नेता सबक सीखेंगे जो अपनी ही पार्टी से इधर उधर चल रहे हैं। हरियाणा और राजस्थान का भी हवाला दिया गया। कहा गया कि हरियाणा के सभी कांग्रेसी नेता अब ची पूं नहीं करेंगे और एक मंच पर दिखेंगे और एक सुर में सुर मिलाएंगे। अब जो पंजाब में हो रहा है उसे लेकर कांग्रेस हाईकमान एक बार फिर घिर रहा है। कहा जा रहा है कि पंजाब में अच्छी खासी सरकार चल रही थी, हाईकमान ने कैप्टन को जहाज से उतार कांग्रेस की नाव मझदार की तरफ मोड़ दिया और अब ये जहाज डूबने की कगार पर है। 

फिलहाल पंजाब  इस्तीफों का दौर जारी है। पहले कैप्टन ने सीएम पद से स्तीफा दिया फिर आज सिद्धू ने अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिया। उसके बाद पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने इस्तीफ़ा दिया फिर कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने  इस्तीफा दिया फिर योगिंदर ढींगरा ने पंजाब कांग्रेस के महासचिव पद से इस्तीफ़ा दिया। सिद्धू के इस्तीफे के बाद से लगभग हर घंटे कोई न कोई बड़ा नेता इस्तीफ़ा दे रहा है। ये सिलसिला कब तक जारी रहेगा वक्त ही बताएगा। राजनीति के जानकारों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस में सबसे मजबूत कैप्टन थे और उन्हें जहाज से उतारकर कांग्रेस हाईकमान ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली। सिद्धू को इधर -उधर का नेता कहा जाता है और पाकिस्तान प्रेम भी उन पर भारी पड़ रहा है। पूर्व में भाजपा के सांसद रह चुके हैं। उसके बाद कांग्रेस में आये थे। वो पहले भाजपा को अपनी माँ बताते थे फिर कांग्रेस को बताने लगे। वो खुद को सोनिया गांधी का करीबी बता कुछ विधायकों को अपने साथ करने में भले ही कामयाब रहे हों लेकिन पंजाब में उनका जनाधार कैप्टन से ज्यादा नहीं है। सीएम न बन पाने का दर्द उनके दिल में था लेकिन वो सुपर सीएम की भूमिका निभाना चाहते थे और नए सीएम चन्नी के आगे-आगे चलना चाहते थे। जब ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया। 

राजनीति के जानकारों का कहना है कि कांग्रेस हाईकमान खुद को भाजपा हाईकमान न समझे। उदाहरण सामने है। आज कन्हैया और जिग्नेश की कांग्रेस में ज्वाइंग हुई। ये दोनों नेता मोदी विरोधी कहे जाते हैं और कांग्रेस को इसका नुकसान नहीं होगा लेकिन ये दोनों नेता टुकड़े गैंग के सदस्य कहे जाते हैं इसलिए कांग्रेस को इनकी ज्वाइंग से ज्यादा फायदा भी नहीं होगा।  देखें भाजपा समर्थक क्या पोस्ट कर रहे हैं 
फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

India News

Post A Comment:

0 comments: