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इन मंत्रियों के क्लीन बोल्ड होने पर खुश हैं देश के लोग

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नई दिल्ली- अप्रैल 2021 देश कभी नहीं भूल पायेगा जब देश की जनता का हाल बेहाल था। देश के तमाम नेता भूमिगत हो गए थे और कुछ बचे खुचे नेता बंगाल में दीदी ओ दीदी चिल्ला रहे थे। दिन में बंगाल में भीड़ देख खुश होते थे और शाम को दिल्ली आकर कहते थे दो गज की दूरी बहुत जरूरी। इन्ही नेताओं की कमियों के कारण देश के  हजारों लोग कोरोना की दूसरी लहर में बेमौत मरे। उस समय ऐसा लगा कि देश में सरकार ही नहीं है ,सबसे ज्यादा सवाल देश के स्वास्थ्य मंत्री पर उठाये गए क्यू कि आक्सीजन की कमी, इंजेक्शन की कमी और नकली इंजेक्शन बेच कुछ लोगों ने जनता को बेमौत मारा और जांच करवाई जाए तो लगभग 50000 लोग स्वास्थ्य मंत्रालय की तमाम कमियों के कारण जान गँवा चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन कभी कभी ट्विटर पर ही दिखते थे। उन्हें ऐसा लगता था कि बाप का राज है ,कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। आज उन्हें उनकी औकात दिखा दी गई और उनसे स्वास्थ्य मंत्रालय छीन लिया गया। यही नहीं दूसरी बार उनसे ये मंत्रालय छीना गया। प्रधानमंत्री का ये कदम बहुत अच्छा है। 

कई और मंत्रियों से उनका पद छीन उन्हें कोल्ड स्टोरेज भेजा गया जिनमे प्रकाश जावड़ेकर और रवि शंकर प्रसाद भी शामिल हैं। इन दोनों मंत्रियों को भी अच्छा मंत्री नहीं कहा जा रहा था। दोनों मंत्री सिर्फ ट्विटर पर ही दीखते थे। जमीन पर ये गायब थे।  ट्विटर पर पिछले दिनों बवाल भी हुआ। रविशकर का खाता कुछ समय के लिए ब्लाक किया गया जिससे केंद्र सरकार की फजीहत हुई। एक ट्वीट पढ़ें खबर जारी है।

 राष्ट्रपति सचिवालय की विज्ञप्ति के अनुसार,प्रधानमंत्री के सुझाव पर भारत के राष्ट्रपति ने मंत्रिपरिषद के 12 सदस्यों का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है।'' जिन मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार किया गया है, उनमें सदानंद गौड़ा, रविशंकर प्रसाद, थावरचंद गहलोत, रमेश पोखरियाल निशंक, डॉ. हर्षवर्द्धन, प्रकाश जावड़ेकर, संतोष कुमार गंगवार शामिल है। रविशंकर प्रसार के पास कानून मंत्रालय के साथ साथ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय था जबकि जावड़ेकर पर्यावरण मंत्रालय के साथ साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का दायित्व संभाल रहे थे। 

आपको बता दें कि इनमे से अधिकतर मंत्री कामचोर  थे। जो हुआ अच्छा हुआ। 

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