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पौधों की देखभाल और पालन-पोषण करने पर परीक्षा में अतिरिक्त अंक पाएंगे हरियाणा के छात्र 

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 चण्डीगढ  20 जून - आक्सीजन की अवधारणा पर बल देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने नई नीति की घोषणा की है जिसके तहत आठवीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पौधों की देखभाल और पालन-पोषण करने पर परीक्षा में अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने नेचर कैंप थापली  में स्थित पंचकर्म वेलनेस सेंटर का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने आज डिजिटल रूप से नक्षत्र वाटिका, नवग्रह वाटिका और राशि वन, जिसे सामूहिक रूप से अंतरिक्ष वन के नाम से जाना जाता है, की भी आधारशिला रखी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहले से ही 23 पंचकर्म केंद्र कार्य कर रहे हैं और 24वें केंद्र का आज उद्घाटन किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य में 500 योगशालाएँ और व्यायामशालाएँ भी कार्यरत हैं और सरकार का लक्ष्य राज्य में और अधिक पंचकर्म केंद्र खोलना है। उन्होंने कहा कि राज्य में इस वर्ष के दौरान 3 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य भी रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचकूला और उसके आसपास के क्षेत्रों की एकीकृत विकास योजना से स्थानीय लोगों को रोजगार के अनेक अवसर मिलेंगे और इनसे पंचकूला को विकसित शहर बनाने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पर्यावरण, पर्यटन पर एक पुस्तिका का भी विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान एक वृत्तचित्र भी चलाया गया जिसमें पंचकूला को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए की जा रही विभिन्न पहलों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।

केंद्रीय जल शक्ति और सामाजिक न्याय राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता और वन मंत्री, श्री कंवर पाल और खेल राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह भी मौके पर मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने ऑक्सी वन की अवधारणा को बढ़ावा देने की पहल के तहत 75 वर्ष से अधिक आयु के पेड़ों के संरक्षक को 2500 रुपये प्रति वर्ष पेंशन की भी घोषणा की।

उन्होंने बताया कि पंचकर्म विषहरण की एक पारंपरिक आयुर्वेदिक प्रक्रिया है, जो औषधीय तेलों की मदद से लोगों को लाभ पहुंचाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचकर्म केंद्र लोगों के लिए एक अनूठी सौगात है और इसे वन विभाग और आयुष विभाग के सहयोग से चलाया जा रहा है।  

नक्षत्र वाटिका, राशि वन और सुगंध वाटिका की रखी आधारशिला

मुख्यमंत्री ने नक्षत्र वाटिका, राशि वन और सुगंध वाटिका की आधारशिला रखी। इन वाटिकाओं को पंचकूला जिले के गांव मस्जिदवाला के पास जंगलों में विकसित किया जाएगा। इस वर्ष के दौरान दस एकड़ में नक्षत्र वाटिका, पांच-पांच एकड़ में सुगंध और  वन राशि का निर्माण किया जाएगा तथा भविष्य में क्षेत्र के विस्तार के और प्रयास किए जाएंगे।

पंचकूला एकीकृत विकास परियोजना के तहत मोरनी पहाडिय़ों में वन विभाग द्वारा ग्यारह नेचर ट्रेल्स विकसित किए गए हैं। इनमें स्थानीय युवा गाइड के रूप में कार्य करेंगे और स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के बारे में और क्षेत्र के वनस्पतियों और जीवों के बारे में भी बताएंगे। ’प्रकृति मार्गदर्शकों से संवाद के माध्यम से गांवों के युवकों को नेचर गाइड के तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रकृति पर्यटन के शिष्टाचार, प्रकृति भ्रमण कैसे करें, चोटों से निपटने, चलने की तकनीक, प्राथमिक चिकित्सा आदि के बारे और मोरनी की वनस्पतियों और जीवों के बारे में सिखाया जा रहा है।

इस अवसर पर बच्चों के एक दल को थापली नेचर कैंप से थापली गांव तक एक छोटे ट्रेक के लिए रवाना किया गया। मुख्यमंत्री ने नेचर ट्रेल इको ट्रेक के पहले समूह को झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव, वन एवं वन्य जीव विभाग श्री. जी अनुपमा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव, डॉ. अमित अग्रवाल, उपायुक्त पंचकूला, श्री. विनय प्रताप, पीसीसीएफ, श्री. वी.एस. तंवर मौजूद रहे।

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