Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

ब्लैक फंगस लाईलाज बीमारी नहीं-डाँ रणदीप पूनिया CMO, Faridabad

CMO-Faridabad-News
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

 

फरीदाबाद,22 जून। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाँ रणदीप पूनियां ने कहा कि ब्लैक फंगस लाईलाज बीमारी नहीं है।इसका ईलाज सम्भव है। यह नई बीमारी नही है।

 उन्होंने कहा कि जो लोग कोरोना पोजिटिव होने पर यह बीमारी उस मरीज को जल्द ही अपनी चपेट में ले लेती है। इसके अलावा जिन लोगों का स्वस्थ

कमजोर है और जो व्यक्ति मधुमेह, स्टेरॉयड थेरेपी, कोविड -19 के मामले वाले लोग ब्लैक फंगस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। डाँ रणदीप पूनियां ने बताया कि ब्लैक फंगस बीमारी का थोड़ी सी सावधानी बरतने से ही इसका आसानी से बचाव सम्भव है।

 उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसके बचाव के लिए नियमों की पालना बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा कि वैक्शीनेशन के बाद भी सरकार द्वारा निर्धारित किए कोरोना बचाव मापदंडों  की पालना करें। एक दुसरे व्यक्ति से दो गज सामाजिक दूरी बनाकर रखें। अपने मूहँ पर मास्क लगाकर रखें। अपने घरों में ही रहे। जरूरी कार्य से ही घर से बाहर निकले और  अपने हाथों को बार-बार साबुन से धोते रहे या सनेटाइजर करते रहे।

नोडल अधिकारी डाँ रामभक्त ने बताया कि में वर्तमान में ब्लैक फंगस बीमारी के कुल मरीज 114 जिला के विभिन्न मेडिकल संस्थान और अस्पतालों में उपचाराधीन है। इनमें से

ईएसआईसी के चिकित्सकों द्वारा 30 उपचाराधीन मरीजों की सर्जरी मेडिकल कॉलेज में और 24 लोगों की सर्जरी अन्य प्राईवेट अस्पतालों मे  की गई है। जो कि अब स्वास्थ्य के सुधार होने पर अच्छा फील कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेडिकल संस्थान में एम्फोटेरिसिन बी की पर्याप्त उपलब्धता के तहत वर्तमान में 19 मरीज इसे प्राप्त कर रहे हैं। इसी प्रकार सर्वोदय अस्पताल में 6 , एशियन में 3 ,फोर्टिस अस्पताल लिमिटेड में एक और एसएसबी सैंट्रल अस्पताल में एक मरीज उपचारधीन हैं।

 डाँ रामभक्त ने बताया कि

एम्फोटेरिसिन बी देने का मानदंड किडनी फंक्शन टेस्ट और सीरम कैल्शियम स्तर पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि अब ईएसआईसी ने मामलों का जल्द पता लगाना शुरू कर दिया है ताकि तुरंत इलाज शुरू किया जा सके।

 डाँ रामभक्त ने आगे बताया कि जिन लोगों का स्वस्थ

कमजोर है और जो व्यक्ति मधुमेह, स्टेरॉयड थेरेपी, कोविड -19 के मामले, इम्यूनोसप्रेसिव उपचार कर रहे हैं। वे प्रारंभिक अवस्था में म्यूकोर्मिकोसिस की मुख्य विशेषताएं रुकी हुई नाक, नाक के अंदर और आसपास दर्द, आंखें, सिरदर्द हैं। ऐसे लक्षण वाले व्यक्ति का यदि जल्दी पता चल जाए तो ब्लैक फंगस बीमारी का पूर्ण इलाज संभव है।

फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

Faridabad News

Post A Comment:

0 comments: