नई दिल्ली - कोरोनाकाल से अब तक देश का मध्यम वर्ग बहुत परेशान है। इसी महीने में पिछले साल लॉकडाउन लगा जिसके बाद गरीबों की मदद के लिए देश के लोग सामने आये। सरकार ने भी गरीबों को डबल राशन दिया। गरीबों के लिए लंगर भंडारे भी शुरू किये गए। इस दौरान मध्यम वर्ग के लोग अपनी जमा पूंजी का ही इस्तेमाल करते रहे। कामकाज भी बंद हो गया था। कोरोनाकाल के बाद मंहगाई ने इस वर्ग की कमर तोड़ दी। इस दौरान देश के कुछ उद्योगपति बहुत मालामाल हो गए। 2020 के दौरान भारत में 40 और उद्योगपति अरबपतियों की सूची में जुड़ गये। इन्हें मिलाकर भारत में कुल 177 लोग अरबपति हो गये हैं। दुनिया के धनी लोगों की हुरुन ग्लोबल की इस सूची में कहा गया है कि वर्ष 2020 में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में रही, भारत में 40 लोग अरबपतियों की सूची में पहुंच गये।
रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी लगातार सबसे अमीर भारतीय बने हुए हैं। उनकी संपत्ति 24% बढ़कर 83 अरब डालर पर पहुंच गई। वह दुनिया के अरबपतियों में एक पायदान चढ़कर आठवें नंबर पर पहुंच गये। हुरुन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य शोधकर्ता अनास रहमान जुनैद के अनुसार गुजरात के उद्योगपति गौतम अडाणी की संपत्ति 32 अरब डालर तक पहुंच गई और दुनिया के अमीरों की सूची में उनका स्थान 20 पायदान चढ़कर 48 नंबर पर पहुंच गया। अंबानी के बाद वह दूसरे सबसे अमीर भारतीय बन गये हैं।
आईटी कंपनी एचसीएल के शिव नाडर भारत के अरबपतियों की सूची में 27 अरब डालर की संपत्ति के साथ तीसरे नंबर पर रहे। महिन्द्रा समूह के आनंद महिन्द्रा की संपत्ति में भी 100 प्रतिशत वृद्धि हुई है और यह 2.4 अरब डालर हो गई। बॉयकोन की किरण मजूमदार की संपत्ति 41 प्रतिशत बढ़कर 4.8 अरब डालर हो गई। वहीं पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण की संपत्ति इस दौरान 32 प्रतिशत घटकर 3.6 अरब डालर रह गई। साफ्टवेयर कंपनी जैडक्लेर के जय चौधरी की संपत्ति इस दौरान 274 प्रतिशत बढ़कर 13 अरब डालर हो गई जबकि बायजू के रविन्द्रन और परिवार की संपत्ति 100 प्रतिशत बढ़कर 2.8 अरब डालर पर पहुंच गई।
बायोकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार शाॅ की संपत्ति 41 प्रतिशत बढ़कर 4.8 अरब डालर, गोदरेज की स्मिता वी कृष्णा की संपत्ति 4.7 अरब डालर और ल्युपिन की मंजू गुप्ता की संपत्ति 3.3 अरब डालर पर पहुंच गई।
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