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हरियाणा में खरबों का रजिस्ट्री घोटाला, पाराशर ने कहा घोटालेबाजों की संपत्ति जब्त कर सरकारी स्कूलों को ठीक करे सरकार

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चंडीगढ़/ फरीदाबाद- हरियाणा का विपक्ष हरियाणा सरकार पर आरोप लगता है कि सरकार घोटालों को रोकने में नाकाम रही है जबकि प्रदेश के मुख्य्मंत्री मनोहर लाल दावा करते हैं कि उनके पहले अब के कार्यकाल में प्रदेश में कोई घोटाला हुआ ही नहीं। कॉरोनकाल में शराब घोटाले की जांच चल रही है। विपक्ष का कहना है कि जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। असली घोटालेबाजों को बचाया जा रहा है। एक दिन पहले रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक अखबार की इस खबर तो ट्वीट किया था

अब बात करते हैं रजिस्ट्री घोटाले की और आपको याद होगा कि 2019 में बार एसोशिएशन फरीदाबाद के पूर्व प्रधान एडवोकेट एलएन पारासर ने रजिस्ट्री घोटालों का मुद्दा जमकर उठाया था। अब जानकारी मिल रही है कि  अर्बन एरिया डेवलेपमेंट एक्ट के नियम-7ए के तहत हुई रजिस्ट्रियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ हुई है। इतना ही नहीं, गड़बड़ की वजह से संदेह के दायरे में आए रेवन्यू अधिकारियों व अन्य स्टाफ का आंकड़ा बढ़कर 300 पार कर गया है। देखें उस समय एडवोकेट पाराशर ने क्या कहा था। 


रजिस्ट्री घोटाले को तेलगी जैसे घोटाला कहा था 


रजिस्ट्री घोटाले की बात करें तो अब तक विभाग इस पूरे मामले को सिस्टम की गलती मानकर चल रहा है। लॉकडाउन के समय रजिस्ट्रियों में धांधली होने का खुलासा होने के बाद डिप्टी सीएम ने जांच के आदेश दिए। शुरुआत में गुरुग्राम के 7 रेवन्यू अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करके उन्हें चार्जशीट कर दिया गया। बाद में दुष्यंत ने नियम-7ए के तहत 2017 से अब तक हुई रजिस्ट्रियों की जांच के आदेश दिए। लाकड़ौन के पह्लोए यानि 2019-20  में भी ये घोटाले जारी थे 



प्रदेश के सभी 6 मंडल गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, रोहतक, हिसार व अंबाला के मंडलायुक्तों को जांच के आदेश दिए। सभी जगहों से जांच रिपोर्ट आने के बाद राजस्व विभाग ने इसे कम्पाइल किया। रिपोर्ट को कम्पाइल करने के बाद बुधवार को कौशल ने सभी दस्तावेजों व ग्राउंड से आई रिपोर्ट को डिप्टी सीएम के पास भेज दिया। रिपोर्ट में 150 के लगभग तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के नाम शामिल हैं। इसी तरह से 150 ही पटवारी, रजिस्ट्री क्लर्क व डाटा एंट्री ऑपरेटरों के नाम लिस्ट में शामिल हैं। जांच में सबसे बड़ी खामी सिस्टम की नजर आई है। अब सिस्टम को किस तरह से ठीक किया जाएगा, इसके लिए सरकार नये सिरे से मंथन कर सकती है। 

इन घोटालों को शुरू में ही उजागर करने की शुरुआत करने वाले एडवोकेट पाराशर का कहना है कि जब मैंने कहा था कि रजिस्ट्री घोटाला तेलगी जैसा घोटाला है। सरकार को करोड़ों का चूना रोजाना लगाया जा रहा है तब किसी को मुझ पर विश्वाश शायद ही होता रहा होगा। अब 300 से ज्यादा रजिस्ट्री घोटाले सामने आने से ऐसे लोगों की नींद खुल गई होगी। पाराशर का कहना है कि जांच ठीक से हो तो अकेले फरीदाबाद में ही अरबों का रजिस्ट्री घोटाला सामने आएगा। हरियाणा भर में ये आंकड़ा खरबों में जायेगा। पाराशर ने सरकार से अपील की है कि सभी घोटालेबाजों की संपत्ति जब्त कर उसे जनहित में लगाया जाये। उन पैसों से प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों की हालत सुधारी जा सकती है। उन्होंने कहा की इन लगभग 300 मामलों में हर एक घोटालेबाज कम से कम 10 से 50 करोड़ रूपये कमाए होंगे। इनकी संपत्ति कुर्क करने से भारी राजस्व प्राप्त होगा जो कई खरब रूपये होंगे। उनसे स्कूलों ही नहीं सरकारी अस्पतालों की हालत भी ठीक की जा सकती है।  


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