Chandigarh - हरियाणा पुलिस ने गुरुग्राम जिले में सरकार द्वारा ’अधिग्रहित’ की हुई 2 एकड जमीन फर्जी तरीके से एक निजी कंपनी को बेचकर सरकारी खजाने को करोड़ो रुपये का नुकसान पहुंचाने वालों को पर्दाफाश करते हुए दो अधिवक्ताओं सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हरियाणा, मनोज यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस्लामपुर गांव की 2 एकड़ भूमि, जो 1993 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा अधिग्रहित की गई थी, को फर्जी व जाली दस्तावेजों और गवाहो के आधार पर एक निजी कंपनी को दो करोड़ रुपये में बेच दिया गया था। मामले में गिरफतार किए गए मास्टरमाइंड गाँव झाड़सा निवासी रोहित ठाकरान और गाँव इस्लामपुर के अजय चौधरी ने मूर्ति देवी, लक्ष्मी देवी और बाला देवी के नाम पर अन्य औरतें दिखा उनकी 2 एकड़ पैतृक संपत्ति फर्जी गवाहों को दिखाकर अजय के नाम पर हस्तांतरित करवा दी।
उन्होंने बताया कि इस मामले मे शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए स्टेट क्राइम ब्रांच (गुरुग्राम यूनिट) ने 18.01.2021 को मास्टरमाइंड रोहित ठाकरान और 21.01.2021 को असली मालिकों की पहचान करने वाले गवाह एडवोकेट चमन लाल अरोड़ा और एडवोकेट सुभाष चंद अरोड़ा को गिरफतार कर लिया।मामले में आगे की जांच की जा रही है तथा अन्य आरोपियों को शीघ्र गिरफतार किया जाएगा।
गौरतलब है कि मास्टरमाइंड रोहित ठाकरान ने निजी तौर पर पटवारी का काम सीखा था और वह अधिग्रहित जमीन के बारे में पूरी तरह से वाकिफ था। आरोपी रोहित ठाकरान पहले भी लड़ाई-झगड़े, शराब तस्करी जैसे कई मामलों में लिप्त रहा है और उसका सहयोगी आरोपी अजय चौधरी वर्ष 2006 में राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल को गोली मारकर हत्या करने में शामिल रहा है। यादव ने डीजीपी क्राइम मोहम्मद अकील और उनकी टीम को इस मामले में कड़ी जाँच के लिए बधाई भी दी ।
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